उत्तर प्रदेश

बदलाव: खेतों में लहलहाने लगे गन्ने, चीनी में लौट आई मिठास

लखनऊ: पूर्वांचल में एक बार फिर से दूर-दूर तक गन्ने के खेत लहलहाने लगे हैं। यहां चीनी मिलों से निकलता धुंआ वापस खुशहाली का प्रतीक बन गया है। राज्य सरकार ने अपने साढ़े 04 साल के कार्यकाल में ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ को मजबूती देने का जो काम किया है उससे लाखों किसानों की किस्मत […]

लखनऊ: पूर्वांचल में एक बार फिर से दूर-दूर तक गन्ने के खेत लहलहाने लगे हैं। यहां चीनी मिलों से निकलता धुंआ वापस खुशहाली का प्रतीक बन गया है। राज्य सरकार ने अपने साढ़े 04 साल के कार्यकाल में ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ को मजबूती देने का जो काम किया है उससे लाखों किसानों की किस्मत बदली है। 02 दशक से कुछ अधिक समय पहले से यहां से गन्ने की जो मिठास गायब हो चुकी थी उसको वापस दिलाने का पूरा श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ही जाता है।

सत्ता में आने के तत्काल बाद योगी सरकार ने 21 साल से संघर्ष कर रहे किसानों को प्रतिफल देते हुए सबसे पहले बस्ती के मुण्डरेवा की चीनी मिल को शुरु करवाया। अंग्रेजों के जमाने की इस चीनी मिल को पूर्व की सरकारों ने बंद करवा दिया था। इतना ही नहीं पूर्वांचल की बंद पड़ी निगम क्षेत्र की चीनी मिल पिपराईच-गोरखपुर में सरकार ने 5,000 टी.सी.डी. क्षमता की नई मिल का निर्माण कराया। जिसका लाभ बड़ी संख्या में किसानों को मिल रहा है। तय किया गया है कि इस चीनी मिल में भारत सरकार के एथेनॉल ब्लैन्डिंग कार्यक्रम के तहत 120 के. एल.पी.डी. क्षमता की आसवनी(डिस्टलरी) भी स्थापित की जायेगी। जिसमें गन्ने के जूस एवं शीरे से एथेनॉल उत्पादन किया जायेगा। यह प्रदेश में गन्ने के जूस पर आधारित एथेनॉल उत्पादित करने वाला प्रथम प्लांट होगा। इसी के साथ सरकार ने निजी क्षेत्र की 03 बंद चीनी मिलों का पुनः संचालन कराया और निगम क्षेत्र की 02 बंद चीनी मिलों के स्थान पर 5,000 टी.सी.डी. की नई चीनी मिलों की स्थापना की गई। सहकारी क्षेत्र की 02 चीनी मिलों नजीबाबाद एवं सठियांव में डिस्टिलरी एवंएथनॉल प्लांट की स्थापना की।

चीनी मिलों की कुल पेराई क्षमता 29,250 टी.सी.डी. तक बढ़ी
सरकार ने चीनी मिलों की पेराई क्षमता बढ़ाने का भी बड़ा काम किया। सहकारी क्षेत्र की रमाला चीनी मिल (बागपत) की पेराई क्षमता 2,750 से 5,000 टी.सी.डी और निगम क्षेत्र की मोहिद्दीनपुर (मेरठ) की पेराई क्षमता 2,500 से 3,500 टी.सी.डी. बढ़ गई है। गन्ने की उपलब्धता को देखते हुए निजी क्षेत्र की 11 चीनी मिलों (निगोही, ऊन, शामली, टिकोला, हरियावा, बिलारी, वीनस अगवानपुरमोतीनगर, करीमगंज एवं बिसवां) की पेराई क्षमता भी बढ़ा दी गई है। इससे इन चीनी मिलों की पेराई क्षमता में 20,600 टी.सी.डी. की वृद्धि हुई। प्रदेश सरकार की इस पहल से चीनी मिलों की कुल पेराई क्षमता में 29,250 टी.सी.डी. तक बढ़ गई है।

इन चीनी मिलों को कराया पुर्नसंचालन
1-        निजी क्षेत्र की चीनी मिलों वीनस (संभल), गागलहेडी (सहारनपुर) और बुलन्दशहर (बुलन्दशहर) चीनी मिल
2-        सहकारी क्षेत्र की ननौता, बुलन्दशहर, कायमगंज, नानपारा, घोसी एवं सम्पूर्णानगर में जेड. एल. डी. की आसवनियों की स्थापना कर पुर्नसंचालन और तकनीकी अपग्रेडेशन किया

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बदलाव: खेतों में लहलहाने लगे गन्ने, चीनी में लौट आई मिठास

लखनऊ: पूर्वांचल में एक बार फिर से दूर-दूर तक गन्ने के खेत लहलहाने लगे हैं। यहां चीनी मिलों से निकलता धुंआ वापस खुशहाली का प्रतीक बन गया है। राज्य सरकार ने अपने साढ़े 04 साल के कार्यकाल में ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ को मजबूती देने का जो काम किया है उससे लाखों किसानों की किस्मत […]

लखनऊ: पूर्वांचल में एक बार फिर से दूर-दूर तक गन्ने के खेत लहलहाने लगे हैं। यहां चीनी मिलों से निकलता धुंआ वापस खुशहाली का प्रतीक बन गया है। राज्य सरकार ने अपने साढ़े 04 साल के कार्यकाल में ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ को मजबूती देने का जो काम किया है उससे लाखों किसानों की किस्मत बदली है। 02 दशक से कुछ अधिक समय पहले से यहां से गन्ने की जो मिठास गायब हो चुकी थी उसको वापस दिलाने का पूरा श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ही जाता है।

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