लखनऊ: राज्य सरकार गांव-गांव में खिलाड़ियों को तैयार कर रही है। इसके लिए उसने प्रदेश में ग्रामीण स्टेडियमों का जाल बिछा दिया है। 81 ग्रामीण स्टेडियमों की स्थापना कराई जा चुकी है जबकि 20 स्टेडियमों का निर्माण कार्य चल रहा है। इन स्टडियमों में पहले से अधिक खेलों की सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। खिलाड़ियों की डाइट से लेकर उनके प्रशिक्षण के लिये हर संभव प्रबंध किये गये हैं।
सरकार गांव की खेल प्रतिभाओं को निखारने के साथ उनको राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाली स्पर्धाओं में चमकाना चाहती है। खेलो इंडिया-खेलों के विकास के लिये राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत प्रदेश के खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने की बड़ी पहल की गई है। इसके तहत ग्रामीण स्टडियमों के निर्माण का कार्य तेजी से शुरु किया गया है। ग्रामीण युवाओं को खेल सुविधा प्रदान की गई हैं। उनको प्रोत्साहित करने के लिये प्रशिक्षित कोच भी नियुक्त किये गये हैं।
उत्तर प्रदेश की कमान जब से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभाली है तब से आज तक प्रदेश में खिलाड़ियों की सुविधाओं में लगातार बढ़ोत्तरी होती जा रही है। खिलाड़ियों को खेलने के अवसर मिल रहे हैं और उनको खेल में विशिष्ठता के आधार पर विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरियां भी मिली हैं। सरकार के प्रयासों का ही असर है कि अब यूपी के गांव-गांव से निकलने वाली प्रतिभाओं को खेलों में अधिक अवसर मिल रहे हैं। वे अपने खेल को सुधारने में जुटे हैं। अन्य प्रदेशों में उनका पलायन भी रुक गया है।
ब्लॉक से लेकर राज्य स्तर तक शुरू की गईं खेल प्रतियोगिताएं
प्रदेश में ग्रामीण खेलों को प्रोत्साहित करने के लिये सरकार ने 05 खेल विधाओं की प्रतियोगिता भी कराना शुरु किया है। इसके तहत एथलेटिक्स, बॉलीबाल, कबड्डी, भारोत्तोलन और कुश्ती की प्रतियोगिताओं का आयोजन ब्लाक और जनपद स्तर पर किया जाता है। यही नहीं मण्डल, जोन और राज्य स्तरीय खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन से खिलाड़ियों को पहले से अधिक खेलने के मौके मिले हैं।
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