उत्तर प्रदेश

अवैध धंधे रोक पाने में विफल कैराना पुलिस का कारनामा, संपादक को फर्जी केस ने फंसाकर भेजा जेल

मेरठः जनपद शामली की कैराना कोतवाली का कारनामा देखिए अवैध रेत खनन, सट्टे का कारोबार और बड़ी मात्रा में स्मैक का धंधा तो बंद नहीं करा पाई, लेकिन समाचार छापने वाले संपादक को ही स्मैक धंधे के फर्जी केस में फंसाकर जेल भेज दिया।  सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कैराना कोतवाली क्षेत्र में सभी […]

मेरठः जनपद शामली की कैराना कोतवाली का कारनामा देखिए अवैध रेत खनन, सट्टे का कारोबार और बड़ी मात्रा में स्मैक का धंधा तो बंद नहीं करा पाई, लेकिन समाचार छापने वाले संपादक को ही स्मैक धंधे के फर्जी केस में फंसाकर जेल भेज दिया। 

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कैराना कोतवाली क्षेत्र में सभी प्रकार के अवैध धंधे खुलेआम चल रहे है। बताया जाता है कि मेरठ में बैठे एक सट्टा किंग द्वारा सट्टा कारोबार खुलेआम किया जा रहा है तथा रेत का अवैध खनन भी खुलेआम किया जा रहा है। स्मैक का धंधा भी चरम सीमा पर है जिसको लेकर परवेज केसरी समाचार पत्र ने अनेकों बार खबरें प्रकाशित की। लेकिन बजाय अपराधियों को पकड़ने के परवेज केसरी के संपादक गुलवेज आलम को ही उल्टा कैराना पुलिस ने स्मैक कर धंधा करने का आरोप लगाकर जेल भेज दिया। यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि आखिर किसके इशारे पर पुलिस ने ऐसा कदम उठाया है।

सूत्रों का यह भी कहना है कि कैराना क्षेत्र में चल रहे अवैध धंधों के पीछे कुछ तथाकथित पत्रकारों का भी संरक्षण प्राप्त है। अब सवाल यह उठता है कि क्या मेरठ में बैठे उक्त सट्टा किंग के इशारे पर कैराना कोतवाली पुलिस ने गुलवेज आलम को जेल भेजा है या अवैध धंधे बंद कराने में विफल हुई पुलिस ने ऐसा घिनौना कदम उठाया है।

दूसरी ओर संपादक की गिरफ्तारी को लेकर पत्रकारों में भारी आक्रोश है। यह भी कहा जाता है कि अवैध पटाखा बनाने की फैक्ट्री भी पुलिस के इशारे पर चल रही थी, जिसमें आधा दर्जन से ज्यादा व्यक्ति मौत की नींद सो गए। उस फैक्ट्री से किन-किन पुलिसवालों को पैसा जाता था यह भी एक चर्चा का विषय है। बताया जाता है कि स्मैक के छोटे-छोटे पीने वाले और कारोबारियों पर तो पुलिस कार्यवाही करती है लेकिन बड़े आकाओं पर आज तक पुलिस हाथ नहीं डाल पाई है। इसका क्या कारण है यह भी एक जांच का विषय है। क्या जनपद के लोकप्रिय पुलिस अधीक्षक इस मामले को संज्ञान में लाकर निष्पक्ष जांच करा पाएगे या फिर बेगुनाहों को यूं ही जेल भेजा जाता रहेगा और बड़े तस्कर खुलेआम अवैध कारोबार करते रहेंगे। इस संदर्भ में कैराना थाना अवैध मादक पदार्थ अधिनियम के तहत 7.85 ग्राम स्मैक रखने के फर्जी केस में कांड संख्या 548/21 धारा-08/21दर्ज की गई है।

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