उत्तर प्रदेश

यूपी सरकार आशा वर्कर के जरिए पहुंचेगी हर बुजुर्ग तक, रखेगी उनकी सेहत का ध्यान

लखनऊ: कैंसर और किडनी रोग से पीडित बुजुर्गों की मदद करेंगी आशा वर्कर। यूपी सरकार 10 लाख से अधिक आशा वर्कर के जरिए पहुंचेगी हर वरिष्‍ठ नागरिक तक। हेल्‍पलाइन के जरिए एक कॉल पर पहुंचेगी मदद, एम्‍बुलेंस व दवा कराई जाएगी मुहैया। अकेले रह रहे बुजुर्गों को दवा पहुंचाने के साथ जांच के लिए अस्‍पताल […]

लखनऊ: कैंसर और किडनी रोग से पीडित बुजुर्गों की मदद करेंगी आशा वर्कर। यूपी सरकार 10 लाख से अधिक आशा वर्कर के जरिए पहुंचेगी हर वरिष्‍ठ नागरिक तक। हेल्‍पलाइन के जरिए एक कॉल पर पहुंचेगी मदद, एम्‍बुलेंस व दवा कराई जाएगी मुहैया। अकेले रह रहे बुजुर्गों को दवा पहुंचाने के साथ जांच के लिए अस्‍पताल तक पहुंचाएगी सरकार।

यूपी में कैंसर समेत गंभीर बीमारियों से जूझ रहे बुजुर्गों सेहत का खयाल अब आशा वर्कर रखेंगी। खासकर कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे और डायलिसिस करवा रहे बुजुर्गों की तीमारदारी में अब आशा वर्कर तैनात की जाएंगी। प्रदेश भर में आशा वर्कर इन बीमारियों से जंग लड़ रहे बुजुर्गों की सूची तैयार करेंगी और इनसे संवाद स्‍थापित कर रोजाना सेहत का हाल जानेंगी। साथ ही दवा और जांच कराने में भी इन बुजुर्गों की मदद करेंगी। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक उच्‍च स्‍तरीय बैठक में यह निर्देश जारी किए हैं।

सीएम योगी ने प्रदेश के वरिष्‍ठ नागरिकों की स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं को और बेहतर बनाने के निर्देश दिए हैं। चिकित्‍सा एवं स्‍वास्‍थ्‍य विभाग को वरिष्‍ठ नागरिकों की सूची बनाने को कहा गया है। ताकि जरूरत पड़ने पर आसानी से हर संभव मदद पहुंचायी जा सके। इस काम में आशा वर्कर अहम रोल अदा करेंगी। अब तक प्रदेश की 10 लाख 71 हजार से अधिक आशा वर्कर ग्रामीण व शहरी इलाकों में महिलाओं ऑर बच्‍चों को स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी सेवाएं मुहैया कराने में मदद करती हैं। प्रदेश के वरिष्‍ठ नागरिकों की सेहत का ख्‍याल भी रखेंगी। आशा वर्कर अपने इलाके के वरिष्‍ठ नागरिकों की सूची तैयार करेंगी। कैंसर व डायलिसिस पीडि़त मरीजों पर विशेष ध्‍यान होगा। आशा वर्कर रोजाना इनसे संवाद स्‍थापित करेंगी और सेहत का हालचाल पूछेंगी। वरिष्‍ठ नागरिकों को दवा व जांच कराने में सहयोग करेंगी।

प्रदेश सरकार अकेले रहने वाले बुजुर्गों की बेहतर सेहत के लिए विशेष योजना तैयार कर रही है। इस योजना के तहत ऐसे बुजुर्गों की देखरेख के लिए एक व्‍यक्ति तैनात किया जाएगा। जो अकेले रह रहे बुजुर्ग को जरूरत पड़ने पर दवा पहुंचाने के साथ जांच के लिए अस्‍पताल ले जाएगा और उनको घर तक पहुंचाएगा। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग अगले 8-10 महीने में इसे लेकर अपनी कार्ययोजना तैयार करेगा

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