उत्तर प्रदेश

यूपी ने 55.97 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद कर बनाया अब तक का सबसे बड़ा रिकार्ड

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार प्रत्येक दिन गेहूं खरीद में नए कीर्तिमान बना रही है। सोमवार तक उसने 55.97 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद कर अब तक का सबसे बड़ा रिकार्ड अपने नाम कर लिया है। अप्रैल माह से शुरू हुई गेहूं खरीद में अधिक से अधिक किसानों को लाभ देने वाली योगी सरकार ने 12 […]

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार प्रत्येक दिन गेहूं खरीद में नए कीर्तिमान बना रही है। सोमवार तक उसने 55.97 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद कर अब तक का सबसे बड़ा रिकार्ड अपने नाम कर लिया है। अप्रैल माह से शुरू हुई गेहूं खरीद में अधिक से अधिक किसानों को लाभ देने वाली योगी सरकार ने 12 लाख 84 हजार 381 किसानों को लाभ पहुंचाया है। पिछली सरकारों में कभी भी इतनी गेहूं खरीद नहीं की गई थी।

जीवन और जीविका बचाने में जुटी योगी सरकार किसानों के हित में काम करने में कोई कमी नहीं छोड़ रही है। कोरोना से बचाव के इंतजामों के साथ उसने खेत-खलिहानों और किसानों का भी पूरा ध्यान रखा है। गेहूं खरीद का लाभ पहुंचाते हुए किसानों को 90 फीसदी भुगतान भी सरकार कर चुकी है। किसानों को बड़ी राहत देने के लिये सरकार ने यह निर्देश दिये हैं कि क्रय केन्द्रों पर आने वाले प्रत्येक किसान से उनके गेहूं की खरीद की जाए। सरकार ने किसानों को राहत देते हुए गेहूं खरीद की तिथि बढ़ा कर 22 जून कर दी है। अभी क्रय केंद्रों से 15 जून तक गेहूं की खरीद की जाना थी।

किसानों को लगातार राहत देने में जुटी प्रदेश की योगी सरकार 72 घंटों में किसानों शेष बचे भुगतान करने का निर्देश दिये हैं। राज्य सरकार ने गेहूं खरीद के लिए प्रदेश में 5612 क्रय केंद्र स्थापित किए हैं। बरसात में गेहूं की सुरक्षा के लिये गोदाम एवं क्रय केंद्रों में पूरे इंतजाम किये गये हैं। पिछली सरकारों ने जिस बारे में कभी सोचा नहीं होगा उसको योगी सरकार ने करके दिखाया। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने कोरोना काल की विषम परिस्थितियों में पहली बार मंडियों में किसानों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए केन्द्रों पर ऑक्सीमीटर, इफ्रारेड थर्मामीटर व सेनीटाइजर की व्यवस्था की है। किसानों के प्रति सरकार की बेहतर नीतियों के जरिए ही किसानों को उनके खेत से 10 किमी के दायरे के भीतर ही अनाज खरीद की सुविधा योगी सरकार दे रही है। पहली बार ई-मंडियों की शुरुआत, ई-पॉप मशीनों का उपयोग जैसी कई अत्याधुनिक सुविधाएं किसानों को दी गई हैं। पहली बार मंडियों में पानी, बैठने के लिये छायादार व्यवस्था से किसानों को राहत मिली।

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