उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश एक बार फिर से गढ़ने जा रहा धान पैदावार में नया कीर्तिमान

लखनऊ: सूबे के किसानों की आय में इजाफा करने को लेकर प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का असर इस बार धान की फसल पर दिखायी देने लगा है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार धान के उ‌त्पादन में उत्तर प्रदेश एक बार फिर से कीर्तिमान गढ़ने जा रहा है। अनुकूल मौसम और बेहतर बरसात की वजह […]

लखनऊ: सूबे के किसानों की आय में इजाफा करने को लेकर प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का असर इस बार धान की फसल पर दिखायी देने लगा है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार धान के उ‌त्पादन में उत्तर प्रदेश एक बार फिर से कीर्तिमान गढ़ने जा रहा है। अनुकूल मौसम और बेहतर बरसात की वजह से प्रदेश में बीते साल के मुकाबले सूबे में इस बार धान की पैदावार अधिक होगी। बीते साल धान की पैदावार 257.04 लाख टन के पार पहुंच गई थी और इस बार इससे अधिक धान उत्पादन होने का अनुमान धान की बुआई के आधार पर लगाया गया है। कहा जा रहा है कि बीते वर्ष के मुकाबले इस बार दस लाख टन अधिक धान का उत्पादन होगा।इस खरीफ सीजन में 96.03 लाख हेक्टेयर भूमि में से 60 लाख हेक्टेयर भूमि पर धान की बुआई करने का लक्ष्य कृषि विभाग ने तय किया था। इसमें से 57.72 लाख हेक्टेयर भूमि पर चार अगस्त तक धान की बुआई की जा चुकी थी। 

कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि आगामी 15 अगस्त तक तय लक्ष्य के अनुसार 60 लाख हेक्टेयर भूमि पर धान की बुआई हो जाएगी। बीते साल 58.92 लाख हेक्टेयर भूमि पर ही धान की बुआई हो पायी थी। बीते साल और इस वर्ष हुई धान की बुआई के आंकड़ों के आधार पर ही अब यह दावा किया जा रहा है कि यूपी में इस बार धान की रिकार्ड पैदावार होगी। यहीं नहीं मोटे अनाज (ज्वार, बाजरा और मक्का) की पैदावार में भी यूपी एक नया रिकार्ड बनाएगा। धान और मोटे अनाज की रेकॉर्ड पैदावार से केंद्रीय फूड बास्केट में उत्तर प्रदेश की भागीदारी और बढ़ेगी। राज्य के 18 मंडलों में से सबसे अधिक धान की बुआई बरेली मंडल में हुई है। बरेली मंडल में 194.40 हजार हेक्टेयर भूमि पर धान की बुआई हुई है। इसके बाद मुरादाबाद मंडल में 175.50 हजार हेक्टेयर , मेरठ मंडल में 156.01 हजार हेक्टेयर , अलीगढ़ मंडल में 141.40 हजार हेक्टेयर , सहारनपुर मंडल में 73.72 हजार हेक्टेयर और विन्ध्याचल मंडल में 25 हजार हेक्टेयर भूमि पर धान की बुआई हुई है। इस आंकड़ों के आधार पर कृषि विशेषज्ञों ने धान की पैदावार को लेकर बरेली मंडल के अव्वल रहने का दावा किया है।

धान की पैदावार में इजाफा होने की वजह अनुकूल मौसम तथा बेहतर बरसात के साथ ही प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के हित में लिए गए फैसले बताए जा रहे हैं। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना की दूसरी लहर में भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर कृषि के कार्यक्रमों को बाधित नहीं होने दिया गया। प्रदेश में किसानों को खाद बीज की कमी नहीं हुई। यूरिया, डीएपी, एनपीके, जिंक और पोटास जैसी खादों की किल्लत नहीं होने दी गई। यहीं नहीं गेहूं की कटाई के लिए मशीनों की आवाजाही सुनिश्चित की गई। कृषि उपकरणों और उन्नत बीज भी किसानों को उपलब्ध कराए गए । जिसके चलते रवि की फसले बेहतर हुई और अब खरीफ की धान, मक्का, ज्वार, बाजरा, उर्द, मूंग, अरहर, मूंगफली, सोयाबीन तथा तिल की फसल भी बेहतर होने का अनुमान लगाया गया। खरीफ की फसलों का उत्पादन बढ़ने से यूपी में धान और मोटे अनाज के भंडारण की समस्या पैदा हो सकती है। इसका भी ख्याल रखा गया है। इसके लिए प्रदेश में अनाज की भंडारण क्षमता बढ़ायी जा रही रही है। 2017 में प्रदेश में भंडारण की कुल क्षमता 29 लाख टन के करीब थी। इसे उनकी सरकार ने तीन साल में बढ़ाकर 51 लाख टन से अधिक किया गया है। इसे बढ़ाकर अब वर्ष 2022 तक 70 लाख टन तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है।

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