नई दिल्लीः लखीमपुर खीरी में हुई घटना की निंदा करने के बाद वरुण गांधी को भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से हटा दिया गया है। बता दें कि एक केंद्रीय मंत्री के कार के काफिले से किसान कुचल गए थे, जिसमें चार किसानों की मौत हो गई थी। इससे गुस्साए किसानों ने चार लोगों को पीट-पीटकर मार डाला था।
लखीमपुर खीरी कांड के खिलाफ और किसानों के समर्थन में कई संदेश ट्वीट करने वाले पीलीभीत से बीजेपी सांसद वरुण गांधी को पार्टी की नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी से हटा दिया गया है। साथ ही उनकी मां मेनका गांधी को भी बीजेपी की शीर्ष संस्था से हटा दिया गया है।
भाजपा ने गुरुवार को 80 सदस्यीय एक नई राष्ट्रीय कार्यकारी समिति का गठन किया, जिसमें दो प्रमुख नेताओं – वरुण गांधी और पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह को बर्खास्त कर दिया गया, दोनों ही विवादास्पद कृषि कानूनों के आलोचक रहे हैं।
इसके शीर्ष अधिकारियों के अलावा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह शामिल हैं, इसके सदस्य के रूप में लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी हैं।
भाजपा सांसद होने के बावजूद केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए गांधी ने किसान महापंचायत का बचाव किया और केंद्र सरकार को किसानों के साथ फिर से बातचीत करने का सुझाव दिया।
वरुण ने ट्वीट कर कहा, “लाखों किसान आज विरोध में मुजफ्फरनगर में एकत्र हुए हैं। वे हमारे अपने मांस और खून हैं। हमें उनके साथ सम्मानजनक तरीके से फिर से जुड़ना शुरू करने की जरूरत है। उनके दर्द, उनके दृष्टिकोण को समझें और उनके साथ काम करके आम जमीन पर पहुंचें।’’
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