लखनऊ: यूपी में पापड़, दाल-दलिया, आचार बनाने वाली महिलाएं प्रत्येक दिन सशक्त बनती जा रही हैं। मोटे अनाज, साबूदाना, किन्नू, भुजिया, पेठा जैसे अन्य उत्पादों की पैकेटिंग कर रही हैं। उद्योग को बढ़ाने के साथ लाखों का कारोबार किया जा रहा है। प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने में उनका योगदान लगतार बढ़ता जा रहा है। प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना (PMFME) उनके सपनों को पूरा करने में मदद कर रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के महिला सशक्तीकरण और मिशन शक्ति की प्रेरणा से प्रदेश में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी स्वयं सहायता समूह की महिलाएं ऊंची उड़ान भरने में जुटी हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना का लाभ लेते हुए अपने गृह उद्योगों को पहले से अधिक बेहतर कर लिया है। महिलाओं को रोजगार मिला है और उनके जीवन में भी बदलाव आया है।
यूपी में प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना के तहत स्व-सहायता समूह की महिला सदस्यों को सहायता के लिये पूंजी दी जा रही है। प्रत्येक स्व-सहायता समूह के सदस्य को 40,000 रुपये अनुदान के रूप में दिये जाते हैं। इस धनराशि से महिलाएं अपने गृह उद्योगों में उपयोगी होने वाली मशीनें और यंत्रों की खरीदारी करती हैं। उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के निदेशक भानु चंद्र गोस्वामी ने बताया कि अभी तक प्रदेश में 1863 सदस्यों को योजना का लाभ देने के लिये चयनित किया जा चुका है। इन महिलाओं को उद्योगों को बढ़ाने के लिये 4 करोड़ 75 लाख रुपये अनुदान के रूप में दिये गये हैं।
योजना के तहत इस साल प्रदेश में 4000 स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना का लाभ उन्हीं महिलाओं को दिया जा रहा है जो पहले से प्रदेश में स्वयं सहायता समूह बनाकर खाद्य उत्पादों को बनाने और उनकी पैकिंटिंग का काम कर रही हैं। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को आथिर्क लाभ दिलाने के बाद उनके उत्पादों की मार्केटिंग का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। ऑनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से उनके उत्पादों की बिक्री भी सुनिश्चित की जाएगी।
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