लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को घोषणा की कि राज्य सरकार कुश्ती समेत दो खेलों को अंगीकृत करके अगले 10 साल तक उनका वित्तपोषण करेगी. योगी ने राजधानी लखनऊ स्थित अटल बिहारी वाजपेयी इकाना स्टेडियम में टोक्यो ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों के सम्मान समारोह में कहा कि प्रदेश सरकार दो खेलों को गोद लेकर अगले 10 सालों तक उनका वित्तपोषण करेगी. इनमें एक खेल कुश्ती होगा और दूसरा खेल खेलकूद विभाग द्वारा चयनित किया जाएगा.मुख्यमंत्री ने कहा, ''उत्तर प्रदेश सरकार राज्य के हर गांव में एक खेल मैदान के निर्माण पर तेजी से काम कर रही है. मेरठ में खेल विश्वविद्यालय का भी निर्माण हो रहा है. प्रदेश सरकार मेजर ध्यानचंद के नाम पर एक खेल विश्वविद्यालय स्थापित करेगी. राज्य सरकार लखनऊ में एक कुश्ती अकादमी की भी स्थापना करेगी.'' उन्होंने बताया कि सरकार खेल कॉलेज में खिलाड़ियों की आहार धनराशि को भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) की तर्ज पर अब 250 रुपये से बढ़ाकर 375 रुपये प्रति दिन प्रति खिलाड़ी करने जा रही है.
इसके साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार ने ओलंपिक खेलों, राष्ट्रमंडल खेलों, एशियाई खेलों और विश्व कप व विश्व चैंपियनशिप में उत्तर प्रदेश के विजेता खिलाड़ियों को राजपत्रित पदों पर सीधी भर्ती के माध्यम से नियुक्ति प्रदान करने और पुलिस में भी उपाधीक्षक का पद देने के लिए सहमति दे दी है. योगी आदित्यनाथ ने कहा, '' कोविड-19 महामारी के बीच हमारे खिलाड़ियों ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और अब तक के हमारे ओलंपिक इतिहास में भारत को सर्वाधिक पदक उपलब्ध कराने में जो योगदान दिया वह अविस्मरणीय है. हमारे लिए यह गर्व की बात है कि भारत ने तोक्यो ओलंपिक के 18 खेलों में प्रतिभाग करते हुए एक स्वर्ण, दो रजत और चार कांस्य समेत कुल सात पदक प्राप्त किए हैं. उत्तर प्रदेश से भी 10 खिलाड़ियों ने भी इन खेलों में हिस्सा लिया.''
प्रदेश सरकार ओलंपिक में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले राज्य के खिलाड़ियों को छह करोड़ रुपये, रजत पदक विजेताओं को चार करोड़, कांस्य पदक विजेताओं को दो करोड़ रुपए और टीम खेलों में स्वर्ण पदक जीतने पर तीन करोड़, रजत पदक पर दो करोड़ और कांस्य पदक पर एक करोड़ रुपए पुरस्कार स्वरूप उपलब्ध कराती है.
भारत के खिलाड़ी देश के लिए खेले हैं- योगी
योगी आदित्यनाथ ने कहा, ''लेकिन भारत के खिलाड़ी देश के लिए खेले हैं. हम सब एक भारत श्रेष्ठ भारत के अभिन्न अंग है और इसीलिए हम लोगों ने अपनी इस नैतिक जवाबदेही का परिचय देते ही यह तय किया कि हम लोग स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले देश के किसी भी खिलाड़ी को सम्मान स्वरूप दो करोड़ रुपए, रजत पदक विजेता को डेढ़ करोड़ रुपए और कांस्य पदक विजेता को एक करोड़ रुपये की राशि प्रदान करेंगे और आज यह राशि यहां पर इन सभी खिलाड़ियों को प्रदान
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