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Ayodhya: तकनीक व भव्यता के लिहाज से राममंदिर देश के चुनिंदा मंदिरों में होगा शुमार

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर (Ram Mandir) निर्माण का तीसरा चरण शुरू हो गया है। 24 जनवरी को अयोध्या में रामजन्मभूमि (Ram Janambhumi) पर मंच के लिए ग्रेनाइट पत्थर बिछाने के साथ मंदिर निर्माण का तीसरा चरण शुरू हुआ। मंदिर की मजबूती को ध्यान में रखते हुए दक्षिण भारत के […]

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर (Ram Mandir) निर्माण का तीसरा चरण शुरू हो गया है। 24 जनवरी को अयोध्या में रामजन्मभूमि (Ram Janambhumi) पर मंच के लिए ग्रेनाइट पत्थर बिछाने के साथ मंदिर निर्माण का तीसरा चरण शुरू हुआ। मंदिर की मजबूती को ध्यान में रखते हुए दक्षिण भारत के सबसे मजबूत प्राकृतिक ग्रेनाइट का उपयोग करने का निर्णय लिया गया है। मंदिर के चबूतरे के निर्माण में 5 फीट x 2.5 फीट x 3 फीट आकार के लगभग 17,000 पत्थरों का उपयोग किया जा रहा है। प्रत्येक पत्थर का वजन लगभग 2.50 टन है। ग्रेनाइट पत्थर बिछाने का काम इस साल मई तक पूरा होने की संभावना है।

32 सीढ़ियां चढ़कर होंगे रामलला के दर्शन
32 सीढ़ियां चढ़कर होंगे रामलला के दर्शन, तीन मंजिला मंदिर में होंगे चार सौ खंभे, 10.50 मीटर लंबा होगा गर्भगृह, इसी गर्भगृह में रामलला की चल मूर्ति प्रतिष्ठापित की जाएगी। पूर्व दिशा में प्रवेश द्वार होगा। सुग्रीव किला से सीधा रास्ता राममंदिर के गर्भगृह तक पहुंचेगा। फरवरी माह से राममंदिर के स्तंभों का निर्माण शुरू हो जाएगा। स्तंभ करीब 22 फीट ऊंचे होंगे।

स्तंभों में ग्रेनाइट पत्थर का हो रहा इस्तेमाल
स्तंभों में लगभग ग्रेनाइट के 26 हजार पत्थर लगेंगे। जिसमें से अब तक 10 हजार पत्थर आ चुके हैं। स्तंभों के ब्लॉक अलग-अलग आकार के होंगे। कहीं दो गुणे चार तो कहीं पांच गुणे तीन व कहीं-कहीं 10 फीट के पत्थर के ब्लॉक भी लगाए जाएंगे।

40 इंजीनियरों सहित करीब 250 मजदूर लगे हैं राममंदिर निर्माण कार्य में
रॉफ्ट की ढलाई के लिए गूम मिक्सर मशीन लगाई गई है। दो टावर क्रेन भी इस काम में लगे हैं। साथ ही 40 इंजीनियरों सहित करीब 250 मजदूर राममंदिर निर्माण कार्य में लगे हैं। जब राममंदिर का गर्भगृह आकार लेगा तो मजदूरों की संख्या और बढ़ाई जाएगी।

मंदिर की पश्चिम दिशा में रिटेनिंग वॉल का निर्माण कार्य चल रहा है। मंदिर से 25 मीटर की दूरी पर तीन तरफ से रिटेनिंग वॉल का निर्माण किया जाएगा। चंपत राय ने मीडिया के माध्यम से दुनिया भर के रामभक्तों को मंदिर की तकनीक व भव्यता को लेकर आश्वस्त करते हुए कहा कि इस कार्य में लगे

मंदिर नींव के निर्माण में विशेष तकनीक का इस्तेमाल
इंजीनियरों का भी मानना है कि भारत में शायद ही किसी मंदिर के नींव के निर्माण में ऐसी तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। कहा कि तकनीक व भव्यता के लिहाज से राममंदिर देश के चुनिंदा मंदिरों में होगा। एक हजार साल तक अक्षुण्ण भी रहेगा। इस दौरान ट्रस्टी डॉ.अनिल मिश्र सहित टाटा कंसल्टेंसी व एलएंडटी के इंजीनियर मौजूद रहे।

राजस्थान से आ रहा गुलाबी पत्थर
राममंदिर का स्ट्रक्चर वंशीपहाड़पुर के गुलाबी पत्थरों से बनेगा। तीन मंजिला मंदिर में करीब 4.50 लाख घनफुट पत्थर लगेंगे। जिनकी आपूर्ति शुरू हो चुकी है। अब तक करीब 20 प्रतिशत पत्थरों की आपूर्ति हो चुकी है। बताया कि पत्थर सीधे राजस्थान से तराशकर लाए जा रहे हैं। इसके लिए वहां तीन कार्यशाला चल रही है। अयोध्या की कार्यशाला में भी पत्थरों पर नक्काशी का काम करने में कारीगर जुटे हुए हैं।

परकोटा 60 फीट होगा ऊंचा
राममंदिर के परकोटे को लेकर भी जानकारी दी गई। बताया गया कि राममंदिर का परकोटा करीब 60 फीट ऊंचा होगा। 350 फीट लंबा व 250 फीटा चौड़ा प्रदक्षिणा मार्ग भी होगा। परकोटे में भारतीय संस्कृति, धार्मिकता को दर्शाती तरह-तरह की नक्काशी भी की जाएगी जो राममंदिर परिसर की भव्यता बढ़ाएगी। बताया कि परकोटे में माता सीता, लक्ष्मण, गणेश सहित अन्य देवी-देवताओं के छह मंदिर भी होंगे।