नई दिल्लीः देश की सबसे बड़ी दवा कंपनी पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने 18 जून से कोवावैक्स वैक्सीन के तीसरे चरण का परीक्षण शुरू कर दिया है। कंपनी जल्द ही ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से मंजूरी के लिए आवेदन कर सकती है। इस वैक्सीन का बच्चों पर ट्रायल सीरम इंस्टीट्यूट ने अगस्त 2020 में अमेरिका की वैक्सीन कंपनी नोवावैक्स इंक. के साथ लाइसेंस समझौते की घोषणा की थी। नोवावैक्स द्वारा तैयार की गई कोविड-19 वैक्सीन को भारत में ‘कोवोवैक्स’ नाम दिया गया है।
सीरम इंस्टीट्यूट के अधिकारियों के मुताबिक, ‘‘शुरू में हम 12 से 18 साल के बच्चों में क्लीनिकल ट्रायल के लिए डीसीजीआई में आवेदन करेंगे। उसके बाद हम 12 साल से कम उम्र के बच्चों पर कोवोवैक्स के क्लीनिकल ट्रायल के लिए मंजूरी मांगेंगे। सीरम इंस्टीट्यूट वर्तमान में देश में ‘कोवशील्ड’ वैक्सीन का उत्पादन कर रहा है। ‘कोवावैक्स’ इसके द्वारा विकसित किया जा रहा दूसरा टीका है और वर्तमान में क्लीनिकल ट्रायल फेज में है।
पूनावाला ने कोवावैक्स के पहले बैच के उत्पादन पर किया ट्वीट
इससे पहले शुक्रवार को कंपनी के सीईओ अदार पूनावाला ने पुणे में कोवावैक्स के पहले बैच के उत्पादन के बारे में ट्वीट किया था। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘हमने एक नया मुकाम हासिल किया है। कोवावैक्स की पहली खेप का उत्पादन इसी सप्ताह पुणे में शुरू हो गया है। मैं इसके बारे में बहुत उत्साहित हूं।’’
उन्होंने यह भी कहा, “इस टीके में 18 साल से कम उम्र की हमारी आने वाली पीढ़ियों की रक्षा करने की काफी क्षमता है। इसके ट्रायल अभी चल रहे हैं।’’ इससे पहले पूनावाला ने एक अन्य ट्वीट में कहा था कि, उन्हें उम्मीद है कि कोवावैक्स को इस साल सितंबर तक जनता के लिए उपलब्ध करा दिया जाएगा।
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