नई दिल्ली: आईबीएम रिसर्ज इंडिया की निदेशक तथा सीटीओ, आईबीएम इंडिया और दक्षिण एशिया डॉ. गार्गी बी. दासगुप्ता ने कहा है कि पिछले वर्ष महामारी के समय विज्ञान और वैज्ञानिक समुदाय ने आशा और रोशनी प्रदान की। इसलिए लोगों को, रोजगार तथा अर्थव्यवस्था को सुरक्षित रखने के लिए प्रत्येक क्षेत्र में विज्ञान और टेक्नोलॉजी का उपयोग समय की आवश्यकता है। डॉक्टर दासगुप्ता राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर “फ्यूचर ऑफ एसटीआईः इम्पैक्ट्स ऑन एजुकेशन, स्किल एंड वर्क” विषय पर विशेष व्याख्यान दे रही थीं।
उन्होंने रोजगार के भविष्य और रोजगार की आवश्यकता की चर्चा करते हुए विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के हाल की अध्ययन का हवाला दिया कि कल की अर्थव्यवस्था के लिए नए उभरते रोजगार क्लस्टर तथा कौशल की जरूरत है। उन्होंने कहा कि चौथी औद्योगिक क्रांति नई स्किल के लिए मांग तैयार कर रही है, वर्तमान रोजगार को हटा रही है और नए रोजगार के अवसर प्रदान कर रही है।
डब्ल्यूईएफ के हाल के अध्ययन की चर्चा करते हुए उन्होंने नए पेशों तथा पांच चिन्हित नए रोजगार कलस्टरों की चर्चा की। ये हैं- डेटा तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), इंजीनियरिंग तथा क्लाउड, उत्पाद विकास, जनता तथा बिक्री और मार्केटिंग। उन्होंने कहा कि नीतियों में परिवर्तन करने का समय है ताकि विज्ञान (विशेषकर डेटा विज्ञान) व्यापक डिजिटल और मानवीय बने। अगले 10 वर्षों तक बने रहने वाले रोजगारों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि डेटा तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्षेत्र तेजी बढ़ रहे हैं। उन्होंने इन क्षेत्रों को स्कूलों, कॉलेजों तथा विश्वविद्यालय पाठ्यक्रम में शामिल करने की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक व्यापक भूमिका निभाते हैं और समुदायों को वैज्ञानिक रूप से सोचने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पहले की तुलना में अब विज्ञान की आवश्यकता अधिक है और हमें अपनी वैज्ञानिक प्रक्रियाओं को तेजी देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विज्ञान और टेक्नोलॉजी अनेक समस्याएं हल कर सकती हैं और हम वैज्ञानिक समुदाय के साथ मिलकर समस्या का समाधान कर सकते हैं।
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