जयपुर: एक अजीब शादी इन दिनों जयपुर में चर्चा का विषय बना हुआ है। हर कोई अचंभित है इस अनोखी शादी (Unique wedding) से। दरअसल, पॉलिटिकल साइंस में एमए 30 वर्षीया पूजा सिंह (Pooja Singh) ने भगवान विष्णु से ब्याह रचाया है, जिसमें बाकायदा गणेश पूजन से लेकर चाकभात, मेहंदी, महिला संगीत और फेरों की रस्में हुई। दूल्हे के रूप में विष्णुजी को मंदिर से पूजा सिंह के घर लाया गया और मंत्रोच्चार के साथ 7 फेरे भी हुए।
जयपुर के गोविंदगढ़ के ग्राम नरसिंहपुरा में रहने वाली पूजा सिंह ने 8 दिसंबर को भगवान विष्णु की मूर्ति के साथ हिन्दू रीति-रिवाज से फेरे लेकर शादी की है। शादी की रस्मों के दौरान हल्दी लगाने से लेकर मेहंदी तक की रस्में निभाई गई। घर में मंगल गीत गाए गए। सहेलियों ने पूजा को दुल्हन की तरह संवारा। 311 बारातियों के साथ आई बारात में धूमधाम से वर विष्णुजी का स्वागत हुआ। हालांकि शादी में खुद पूजा ने अपनी मांग सिंदूर की बजाय चंदन से भरी और इसके बाद विदाई की रस्म अदा हुई।
पूजा के परिवार की ओर से कन्यादान के 11 हजार रुपए दिए गए। वहीं, ठाकुर जी को दहेज में एक सिंहासन और पोशाक भेंट की गई। पूजा सिंह ने बताया कि उन्होंने शादी के बाद से ही भगवान विष्णुजी को ही अपना पति बना लिया है। अब उनके नाम का ही श्रृंगार करेंगी और उनके लिए ही साज-सज्जा करेंगी। अब आखिरी सांस तक उनकी भक्ति में लीन रहूंगी।
पूजा ने पहले तुलसी विवाह देखा था और उसी वक्त से उनके मन में श्रीकृष्ण के रुप ‘ठाकुरजी’ को लेकर आस्था बढ़ गई। इसके बाद गोविंद के दरबार में ठाकुरजी से ब्याह रचाने की की सोचकर पंडित से चर्चा की फिर परिवार वालों को मनाया लेकिन पिता प्रेम सिंह नाराज हो गए लेकिन मां रतन कुंवर ने हामी भरी और कन्यादान तक किया। बेटी के इस फैसले का उन्होंने सम्मान किया है। शादी की रस्में और रीती-रिवाजो से निभाई गई, जिसमें करीब 2 लाख रूपये खर्च भी आया है।
पूजा सिंह ने पहले पंडित राकेश शास्त्री से इसका जिक्र किया और फिर ब्याह रचाया। उन्होंने बताया कि प्राचीनकाल से विष्णु प्रतिमा से विवाह को बताया गया है। समय-समय पर वर्षों से यह चलता आ रहा है और जब तक सृष्टि रहेगी तब तक चलता रहेगा। यदि कोई भगवान को समर्पित होना चाहता है तो वह शादी कर सकता है।
शादी के बाद भगवान विष्णु जी को वापस मंदिर में विराजमान कर दिया गया हैं। वहीं पूजा अपने घर पर रहकर मूर्ति के सामने विष्णु जी का ध्यान करती है। वो अब जमीन पर ही रात गुजारती है।