विविध

लॉकडाउन से क्या सीखा? जानिये इसके फायदे और नुकसान!

आपने Boiling Syndrom के बारे में नही सुना होगा जिसमें कहा जाता है कि मेंढक को अगर उबलते पानी में डाला जाए तो वह तुरन्त उछल कर बाहर आ जाता है स लेकिन उसी मेंढक को अगर नॉर्मल पानी में डालकर धीमी आंच पर चूल्हे पर चढ़ा दिया जाए तो वह आराम से पानी में […]

आपने Boiling Syndrom के बारे में नही सुना होगा जिसमें कहा जाता है कि मेंढक को अगर उबलते पानी में डाला जाए तो वह तुरन्त उछल कर बाहर आ जाता है स लेकिन उसी मेंढक को अगर नॉर्मल पानी में डालकर धीमी आंच पर चूल्हे पर चढ़ा दिया जाए तो वह आराम से पानी में रह लेता है और धीरे धीरे पानी जैसे गर्म होता जाता है मेंढक खुद को पानी के तापमान के अनुकूल बनाता जाता है वह बढ़ते हुए तापमान के साथ अनुकूलन करता जाता है किन्तु बाहर नहीं कूदता और एक समय ऐसा आता है जब पानी उबलने लगता है तब मेंढक को बाहर कूदने का मौका नहीं मिलता और वो वहीं मर जाता है।

कुछ इसी नियम के तहत मारामारी का माहौल तैयार किया जाता है आपमें भी पूर्ण लॉकडाउन के लिए कुछ इसी तरह अनुकूलन पैदा किया जा रहा है। अगर सीधे लॉकडाउन लगा दिया जाएगा तो आप इसके विरोध में सड़कों पर उतर आएंगे ठीक वैसे ही जैसे मेंढक को उबलते पानी में डालने पर वह कूद कर बाहर आ जाता है इसलिए धीरे-धीरे आपमें वो अनुकूलन पैदा किया जा रहा है, धारा 144 लगाकर, नाईट कर्फ्यू लगाकर, मीडिया में दिनभर केसेस बढ़ने की खबरें चलाकर आपमें अनुकूलन पैदा किया जा रहा है और अगर समय रहते अगर आप इसके खिलाफ न बोले तो कड़ा लॉकडाउन लगने पर भूख और बेरोजगारी से मरने के सिवाय आपके पास कोई चारा न होगा।

लॉकडाउन एक ऐसी परिस्थिति जो मैंने अपने जीवन में पहली बार देखी है। शायद हमारे दादा और नाना के जमाने में भी ऐसी परिस्थिति नहीं आई होगी जो हम आज देख रहे है। लॉकडाउन हमारे लिए बहुत सारी मुसीबतें भी लेकर आया तो इसके बहुत सारे फायदे भी है। अब वैसे तो सबके अपने अपने पर्सनल अनुभव है कि वह लॉकडाउन को किस नजरिए से देखते हैं। लेकिन आज हम अपने अनुभव आपसे शेयर करना चाहते हैं जिसमें हम आपको लॉकडाउन के फायदे और नुकसान के बारे में बताएंगे।

लॉकडाउन के फायदे

लॉकडाउन के पर्यावरणीय फायदे
यदि सोचा जाए तो हम अपने नुकसान के बारे में ज्यादा सोचते हैं क्योंकि पर्यावरण को आज के समय में ध्यान में रखना इतना टाइम तो किसी के पास है ही नहीं। लेकिन सच में बताएं तो इस लॉक डाउन की परिस्थिति ने हमारे पर्यावरण पर इतने ज्यादा सकारात्मक प्रभाव डाले हैं कि उन्हें देखने के बाद हम असली पर्यावरण के महत्व को समझ पाए हैं।
लॉकडाउन के दौरान जब सभी लोग अपने घरों में थे तब जंगलों से ऐसी जानवरों की प्रजाति रोड पर देखने को मिली जो आसानी से किसी चिड़ियाघर में देखने को भी नहीं मिलते हैं।
जब लोगों ने घर से बाहर निकलना बंद कर दिया तो वायु में प्रदूषण की इतनी ज्यादा गिरावट देखी गई थी कि जिसे देखने के बाद लोगों को स्वच्छ हवा का महत्व समझ में आया और महसूस हुआ।
इसके अलावा जो भी नदी नाले बहुत ज्यादा गंदे हुआ करते थे वह इतने ज्यादा स्वच्छ और साफ हो गए कि उन में तैरती हुई मछलियां साफ नजर आने लगी जिसका सबसे बड़ा उदाहरण हरिद्वार में बहती गंगा नदी है।
हाल ही में आई एक खबर के अनुसार यह बताया गया कि ओजोन परत में पहले जो कमी आ गई थी अब उसकी भरपाई धीरे-धीरे हो रही है विशेषज्ञों ने यह उम्मीद जताई कि ओजोन परत बहुत जल्द पहले जैसी होती हुई दिखाई दे सकती है।
यदि देखा जाए तो इन सब बातों से सिर्फ एक ही बात सामने आती है कि मनुष्य ने आज अपनी प्रकृति को इतना ज्यादा गंदा कर दिया है कि स्वच्छता क्या होती है उस बात का उन्हें शायद अंदाजा ही नहीं है परंतु प्रकृति ने भी इस लॉकडाउन से उन सभी परिस्थितियों की भरपाई आखिर इंसान से करवा ही ली।

लॉकडाउन के अन्य फायदे
लोग परिवार के सदस्यों के साथ रहना सीख गए।
आपस में एक दूसरे के साथ पुराने दिन गुजारने लगे पुरानी गेम्स ने फिर से लोगों के बीच अपनी जगह बना ली।
घर पर सब ने एक साथ बैठकर डिनर करना और विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाना भी प्रारंभ किया।
लॉकडाउन से लोगों को घर पर ही काम करने की परमिशन भी मिली जिससे अपनी फैमिली के साथ भी वक्त गुजार पाए और अपने काम पर भी ध्यान दे पाए।

लॉकडाउन के नुकसान
लॉकडाउन की परिस्थिति ने लोगों की जिंदगी को सुधारा भी तो काफी हद तक बिगाड़ भी दिया।
लॉकडाउन की वजह से स्कूल कॉलेज और ऑफिस सब बंद हो गए जिसकी वजह से घर पर बैठे लोगों ने टाइम पास करने के लिए अपना सहारा मोबाइल, टीवी को बना लिया और दिन भर बच्चे बड़े और बूढ़े सिर्फ बस इसी में ही अपना दिन गुजारने लगे।
लॉक डाउन की वजह से भारत की अर्थव्यवस्था को बहुत बड़ा नुकसान हुआ क्योंकि अर्थव्यवस्था जिस प्रकार से सुचारू रूप से चल रही थी लॉक डाउन की वजह से वे सभी कार्य बंद हो गए।
इंटरनेशनल व्यापार को भी बहुत बड़ा नुकसान हुआ।
सबसे बड़ा नुकसान देश के भविष्य को बनाने वाले विद्यार्थियों का हुआ क्योंकि उनका पूरा साल बर्बाद हो गया क्योंकि ना तो वे स्कूल जा सकते थे और ना ही कॉलेज।
दूसरे राज्यों में जाकर काम करने वाले प्रवासी मजदूरों को भी इस लॉकडाउन ने भूखे मरने पर मजबूर कर दिया।
बहुत से लोग ऐसे थे जिनकी आमदनी के साधन पूरी तरह बंद हो गए थे क्योंकि वह बहुत गरीब होने के साथ-साथ ऐसे थे जो रोज कमाने और खाने वाले काम किया करते थे, ऐसे में उनकी कमाई के सभी जरिए बंद हो चुके थे जिसके चलते उनके सर से छत भी छिन गई थी और खाने को दाना भी नहीं था।
अचानक लॉकडाउन की परिस्थिति की वजह से बहुत से लोग दूसरे देशों में अपने घरों से दूर और दूसरे राज्यों में भी फंस गए थे।
लॉकडाउन की परिस्थिति ना तो कभी पहले आई थी और शायद आने वाले समय में भी कभी ना आए। इस परिस्थिति में हमारे देश को ही नहीं बल्कि दुनिया के बहुत सारे देशों को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाया है। इस लॉकडाउन का नुकसान लोगों आने वाले कई सालों तक करना पड़ सकता है।

लॉकडाउन की पारिस्थिति में क्या सीख मिली
यदि निजी अनुभव से बात की जाए तो इस लॉकडाउन ने एक सबसे बड़ी बात जो समझाई है वह यही की प्रकृति से खिलवाड़ ना किया जाए तो बेहतर है और समय की महत्वता को समझना बेहद आवश्यक है।
जिस तरह से लोकडाउन के दौरान देश दुनिया बंद हुई थी, उससे पता चलता है कि विज्ञान कितना भी आगे क्यूँ न पहुँच जाये वो श्रृष्टि के कर्ता धर्ता से पीछे ही है. पल भर में सबको घर पर बंद कर देने का काम सिर्फ वही कर सकते है.
ऐसी परिस्तिथि में पता चलता है कि जिंदगी के उपर कुछ नहीं है, पैसा, घर, गाड़ी, जेवर सब दिखावा है. अरबपति आदमी भी लॉकडाउन के समय पर उसी तरह घर पर बैठा था, जैसे एक गरीब इन्सान.
लॉकडाउन के दौरान जब काम काज बंद हो गए थे, तब हमें उसकी अहमियत भी समझ आई. सबको छुट्टी पसंद है, लेकिन जब लम्बी छुट्टी मिल गई तो सभी लोग इससे बोर हो गए तो जल्द से जल्द काम पर लौटना चाहते थे. अतः हमें इससे सीख मिलती है कि हमें अपने काम की वैल्यू सदा करना चाहिए।

लॉकडाउन के दौरान ज़िन्दगी के बहुत सी बातें हमें सीखने को मिली। ये ऐसा कठिन समय रहा है, जिसको पूरी दुनिया एक साथ देखा है. भगवान न करे ऐसी परिस्थति कभी भी दोबारा बने। कोरोना का कहर तो अभी भी देश में व्याप्त है, अतः आप अपनी सुरक्षा को ध्यान रखते हुए पूरी सावधानी बरतें। भले लॉकडाउन खुल गया है, लेकिन कोरोना अभी भी नहीं गया है, ये हमें नहीं भूलना चाहिए।