नई दिल्लीः अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जे करने में मदद करने वाले पाकिस्तान को अमेरिका ने जमकर लताड़ा। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने स्वीकार किया कि पाकिस्तान तालिबान और हक्कानी नेटवर्क के आतंकवादियों को पनाह दे रहा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को अफगानिस्तान को लेकर वैश्विक समुदाय की नीतियों का पालन करना चाहिए। अमेरिकी विदेश मंत्री का बयान ऐसे समय आया है जब पाकिस्तान के खिलाफ प्रतिबंध लगाने की मांग की जा रही है।
तालिबान के काबुल पर कब्जा करने को लेकर अमेरिकी संसद में एंटनी ब्लिंकन ने पाकिस्तान पर निशाना साधा। अफगानिस्तान में पाकिस्तान की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर, अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान में पाकिस्तान के कई हित हैं, जिनमें से कुछ सीधे अमेरिकी हितों में नहीं हैं। ब्लिंकेन ने तालिबान की जीत पर अपने बयान में यह भी कहा कि अफगानिस्तान में भारत की बढ़ती भूमिका के बाद, पाकिस्तान ने कई ‘हानिकारक’ कदम उठाए।
अफगानियों द्वारा पाकिस्तान का जमकर विरोध
ब्लिंकन ने कहा कि पाकिस्तान को तालिबान के प्रति व्यापक अंतरराष्ट्रीय समुदाय के रुख के अनुरूप कार्रवाई करने की जरूरत है। अमेरिकी विदेश मंत्री का यह बयान ऐसे समय आया है जब तालिबान के साथ उसके संबंधों पर दुनिया भर में सवाल उठ रहे हैं। इतना ही नहीं जब पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के मुखिया काबुल पहुंचे तो अफगान लोगों ने उनका कड़ा विरोध किया। आईएसआई प्रमुख के दौरे के दौरान पंजशीर में तालिबान का भीषण हमला हुआ और उन्होंने काफी इलाके पर कब्जा कर लिया।
तालिबान को पंजशीर पर कब्जा करने में पाकिस्तान द्वारा मदद करने का आरोप है। हालांकि, पाकिस्तान इन आरोपों से इनकार कर रहा है। पाकिस्तान उन दो देशों में शामिल है, जिनका तालिबान पर सबसे अधिक प्रभाव है। इसके अलावा दूसरा देश कतर है। पाकिस्तान के गृह मंत्री ने खुद स्वीकार किया है कि तालिबान आतंकवादी और उनके परिवार यहां रहते हैं। साल 2001 में जब अमेरिका ने हमला किया तो ये आतंकी पाकिस्तान में छिपे थे। ओसामा बिन लादेन भी पाकिस्तान के एबटाबाद में मारा गया था। तालिबान की अंतरिम सरकार में गृह मंत्री बने सिराजुद्दीन हक्कानी को आईएसआई ने खड़ा किया है।
(एजेंसी इनपुट्स के साथ)
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