विदेश

चीन नहीं आ रहा अपनी हरकतों से बाज, यूएस से आ रही मदद पर भी लगाया अड़ंगा!

नई दिल्लीः भारत कोरोना महामारी से जूझ रहा है और इस संकट की घड़ी में दुनिया के 40 देशों ने मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। दुनिया के कई देश ऑक्सिजन, वेंटिलेटर, वैक्सीन, दवाएं और मास्क भारत को सप्लाई कर रहे हैं। नवभारत के मुताबिक, चीन ने एक बार फिर भारत की मदद में रोड़ा […]

नई दिल्लीः भारत कोरोना महामारी से जूझ रहा है और इस संकट की घड़ी में दुनिया के 40 देशों ने मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। दुनिया के कई देश ऑक्सिजन, वेंटिलेटर, वैक्सीन, दवाएं और मास्क भारत को सप्लाई कर रहे हैं। नवभारत के मुताबिक, चीन ने एक बार फिर भारत की मदद में रोड़ा अटकाने की कोशिश की है। सूत्रों के अनुसार, अमेरिका ने भारत के लिए जो मेडिकल हेल्प देने का ऐलान किया है उसमें ज्यादातर चीजों की डिलीवरी चीन से होनी थी। बता दें कि अमेरिका ने जो चीजें भारत भेजनी थी, उनका उत्पादन चीन में ही हो रहा है। लेकिन दूसरी तरफ, चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है, उसने तकनीकी बाधा का हवाला देकर सामान की तुरंत सप्लाई करने में असमर्थता जताई है।

सूत्रों की मानें तो, इससे वहां से मेडिकल हेल्प आने में देरी हो सकती है। हालांकि, इस मुद्दे पर भारत या अमेरिका विदेश मंत्रालय ने कुछ भी प्रतिक्रिया देने से इनकार किया। विदेश मंत्रालय ने चीन के अवरोध को दरकिनार करते हुए कहा कि रेमडेसिविर और ऑक्सिजन जैसी चीजों की जरूरत को पूरा करने के लिए दुनिया के तमाम देशों के निर्माताओं से भारत संपर्क में है।

भारत मिस्र से रेमडेसिविर की 4 लाख डोज खरीदने की दिशा में काम कर रहा है। अमेरिका से दो विमान आज मदद लेकर आएंगे। उधर, फिर चीन ने भारत के सामने मदद की पेशकश की है। चीन के विदेश मंत्री ने पत्र लिखकर कोविड लड़ाई में पूरा सहयोग और समर्थन का भरोसा देने की बात कही।

वीरवार सुबह ही रूस ने कोरोना की लड़ाई में भारत के मदद के लिए 22 टन सामान भेजा है। जिसमें वेंटिलेटर्स, ऑक्सिजन कंसेन्ट्रेटर, दवाएं भी शामिल हैं। इसमें फेविपिराविर दवा का रूसी वर्जन भी शामिल है। मदद का सामान लेकर वीरवार को दो जहाज मॉस्को से नई दिल्ली पहुंचे। बुधवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पूतिन से फोन पर बात की थी। रूस की तरफ से जो मदद मिली है उसमें 20 ऑक्सिजन प्रोडक्शन यूनिट, 75 लंग वेंटिलेटर्स, 150 मेडिकल मॉनिटर्स और दवाओं के 2 लाख पैक हैं।

बता दें कि भारत में मौजूद संयुक्त राष्ट्र की टीम मदद में जुटी है। यूएन की टीम हजारों ऑक्सिजन कंसन्ट्रेटर, ऑक्सिजन उत्पादन संयंत्र और दूसरे जरूरी उपकरण खरीद रही है। यूएन महासचिव के प्रवक्ता ने कहा कि हमारी टीम अस्पताल बनाने में भी यहां मदद कर रही है। इसके अलावा ऑक्सिजन उत्पादन करने वाले संयंत्र, कोविज-19 जांच मशीन और पीपीई किट की मदद भी पहुंचाई जा रही है। कुछ दिन पहले ही प्रवक्ता ने कहा था कि भारत को यूएन की तरफ से मदद की पेशकश की गई थी लेकिन उसे मना कर दिया गया था।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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चीन नहीं आ रहा अपनी हरकतों से बाज, यूएस से आ रही मदद पर भी लगाया अड़ंगा!

नई दिल्लीः भारत कोरोना महामारी से जूझ रहा है और इस संकट की घड़ी में दुनिया के 40 देशों ने मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। दुनिया के कई देश ऑक्सिजन, वेंटिलेटर, वैक्सीन, दवाएं और मास्क भारत को सप्लाई कर रहे हैं। नवभारत के मुताबिक, चीन ने एक बार फिर भारत की मदद में रोड़ा […]

नई दिल्लीः भारत कोरोना महामारी से जूझ रहा है और इस संकट की घड़ी में दुनिया के 40 देशों ने मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। दुनिया के कई देश ऑक्सिजन, वेंटिलेटर, वैक्सीन, दवाएं और मास्क भारत को सप्लाई कर रहे हैं। नवभारत के मुताबिक, चीन ने एक बार फिर भारत की मदद में रोड़ा अटकाने की कोशिश की है। सूत्रों के अनुसार, अमेरिका ने भारत के लिए जो मेडिकल हेल्प देने का ऐलान किया है उसमें ज्यादातर चीजों की डिलीवरी चीन से होनी थी। बता दें कि अमेरिका ने जो चीजें भारत भेजनी थी, उनका उत्पादन चीन में ही हो रहा है। लेकिन दूसरी तरफ, चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है, उसने तकनीकी बाधा का हवाला देकर सामान की तुरंत सप्लाई करने में असमर्थता जताई है।

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