नई दिल्ली: कनाडा (Canada) के सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि अगर पार्टनर के कहने के बाद भी अगर व्यक्ति संभोग के दौरान कंडोम का इस्तेमाल नहीं करता (Not wearing a condom) है तो यह यौन हिंसा (Sexual violence) के दायरे में आएगा। अर्थात इस रेप (Rape) करने की तरह समझा जाएगा।
द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2017 में ऑनलाइन बातचीत के दौरान महिला और एक पुरुष एक-दूसरे के संपर्क में आए थे। मुलाकात के दौरान दोनों में सेक्स करने पर सहमति बनी।
महिला पक्ष का आरोप है कि बोलने के बाद भी शख्स ने कंडोम का इस्तेमाल नहीं किया। महिला पक्ष का कहना है कि क्योंकि यौन संबंध बनाने वाला उसके लिए अनजान था, इसलिए संबंध बनाने के बाद महिला ने एचआईवी टेस्ट किया, ताकि यह जाना जा सके कि कहीं वो एचआईवी पॉजिटिव तो नहीं है।
प्रतिवादी का नाम नाम रॉस मैकेंजी किर्कपैट्रिक है, जबकि महिला की पहचान को गुप्त रखा गया है। गौरतलब है कि निचली अदालत ने किर्कपैट्रिक के इस तर्क को स्वीकार करते हुए आरोप को खारिज कर दिया था कि शिकायतकर्ता ने कंडोम पहनने में विफल रहने के बावजूद यौन संबंधों के लिए सहमति दी थी।
इस फैसले को बाद में ब्रिटिश कोलंबिया कोर्ट ऑफ अपील ने पलट दिया था। इसके बाद प्रतिवादी किर्कपैट्रिक ने उस फैसले के खिलाफ देश की शीर्ष अदालत में अपील की, जिसने पिछले नवंबर में दलीलें सुनीं।
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि कंडोम के बिना संभोग करना और कंडोम के साथ संभोग की तुलना में एक मौलिक और गुणात्मक अंतर है। पीठ ने इस मामले में 5-4 वोट के बाद फैसला सुनाया। फैसला महिला के पक्ष में रहा।