नई दिल्लीः भारतीय इक्विटी बेंचमार्क को दूसरे वैश्विक बाजारों में तेजी से बिकवाली का असर भारतीय शेयर बाजारों में साफ दिखाई दिया। अमेरिका में 10 साल की बॉन्ड यील्ड बढ़ने से दुनियाभर के बाजारों में कोहराम मचा हुआ है जिसका साफ असर आज भारतीय बाजारों पर भी पड़ा। नतीजा भारतीय बाजारों में जोरदार गिरावट देखने को मिली। कारोबार के अंत में सेसेंक्स 1939.32 अंक यानी 3.08 फीसदी टूटकर 49,099.99 के स्तर पर बंद हुआ है। वहीं निफ्टी 568.20 अंक यानी 3.76 फीसदी टूटकर 14,529.15 के स्तर पर बंद हुआ है।
आज के शुरुआती कारोबार में भारतीय बाजारों में भारी गिरावट देखने को मिली, जिसके चलते सेंसेक्स 1,900 प्वाइंट से ज्यादा नीचे गिरकर 49,099 के निचले स्तर पर आ गया और निफ्टी 568 प्वाइंट नीचे गिरकर 14,529 के निचले स्तर पर आ गया। इस गिरावट में बैंक और फाइनेंशियल शेयरों की अहम भूमिका रही। Nifty Bank, Private Bank, PSU Bank और Financial Services इंडेक्स में 3 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली है।
IDBI कैपिटल के अनुसंधान प्रमुख एके प्रभाकर ने बताया कि कम ब्याज दरों ने रैली के फॉर्म मूल्य को 7,500 तक बढ़ा दिया और पिछले 12 महीनों में निफ्टी उन स्तरों से दोगुना हो गया है। अब ब्याज दर में बदलाव के संकेत दिखाई दे रहे हैं, जिसका मतलब है कि तरलता खत्म हो जाएगी और आसानी से पैसा मिलेगा। उन्होंने संकेत दिया कि आने वाले समय में निफ्टी 13,900 से नीचे जा सकता है।
मिड और स्मॉल कैप शेयरों में भी बिकवाली का दबाव देखा गया क्योंकि निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 2 फीसदी और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 1.6 फीसदी गिर गए।
सन फार्मा को छोड़कर निफ्टी में सभी शेयर ICICI बैंक के 5.2 फीसदी की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। कोटक महिंद्रा बैंक, एक्सिस बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा, बजाज फिनसर्व, जेएसडब्ल्यू स्टील, गेल इंडिया, एचडीएफसी बैंक, इंडसइंड बैंक, बजाज फाइनेंस, एचडीएफसी, पावर ग्रिड, हीरो मोटोकॉर्प, लार्सन एंड टुब्रो, ओएनजीसी, अदानी पोर्ट्स, टाटा स्टील, भारतीय स्टेट बैंक भी 3.5 प्रतिशत के बीच गिर गया।
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