राजनांदगांव: ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरसेटी) बरगा में आचार, पापड़, बड़ी एवं मसाला बनाने का 10 दिवसीय प्रशिक्षण श्रमिक महिलाओं को दिया जा रहा है। सभी विकासखंडों से आए श्रमिक महिलाओं को 13 प्रकार के खट्टे-मीठे विभिन्न तरह के आचार, आम, नीम्बू, आवला, लहसुन, कटहल, पका लाल मिर्च, हरी मिर्च, काबुली चना, अमारी भाजी, आम का मीठा आचार, मिक्स आचार एवं जिमीकंदा का आचार बनाने की विधि बताई जा रही है। आरसेटी के संचालक श्री अभिषेक ठाकुर ने कहा कि महिलाओं को सक्षम एवं सशक्त बनाने के लिए ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण द्वारा निरंतर कार्य किए जा रहे हैं। इस 10 दिवसीय प्रशिक्षण मेें श्रमिक महिलाएं आचार बनाने के साथ ही पापड़, बड़ी एवं मसाला बनाने की विधि भी सीख रही हैं। इस प्रशिक्षण के दौरान उन्हें आत्मविश्वास बढ़ाने के साथ ही मार्केटिंग, पैंकेजिंग एवं उद्यमिता विकास तथा प्रभावी संचार का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। खैरागढ़ से आयी प्रशिक्षक श्रीमती त्रिवेणी पटेल एवं श्रीमती राधिका गुणी ने उन्हें आचार एवं अन्य खाद्य सामग्री बनाने का प्रशिक्षण दिया।
खैरागढ़ विकासखंड के ग्राम सहसपुर से आयी श्रीमती देवकी ने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान सुविचार में हमें यह सिखाया गया है कि हिम्मत न खोना, आगे जाना है। जिन्होंने कहा था तेरे वश का नहीं है, उन्हें भी कार्य करके दिखाना है। यहां प्रशिक्षण के दौरान बहुत कुछ सीखने को मिला। सभी से मित्रता हुई और एक साथ सभी सीख सके। उन्होंने आरसेटी प्रशिक्षण संस्थान में की गई व्यवस्था की प्रशंसा करते हुए कहा कि यहां आने से जीवन में परिवर्तन आया है और कुछ करने का हौसला मिला है। डोंगरगांव विकासखंड के ग्राम कोहकाढाबा कि कुमारी रामेश्वरी कोर्राम ने बताया कि उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई की है और कुछ करने की प्रेरणा से वे यहां प्रशिक्षण लेने आयी हैं। उन्होंने कहा कि टॉवर बिल्डिंग खेलने के दौरान हमने यह सीखा की सही निर्णय लेना, स्वयं पर भरोसा करना दूसरी की बातों पर नहीं, क्षमता के अनुसार कार्य करना, आत्मनिर्भर होकर आत्मविश्वास के साथ कार्य करना है। उन्होंने कहा कि श्रमदान करने के साथ ही यहां योग एवं खेल कबड्डी एवं अन्य गतिविधियों में शामिल हुई। अम्बागढ़ चौकी विकासखंड के ग्राम छछानपैरी की श्रीमती गीता बाई साहू ने कहा कि यहां 13 प्रकार के आचार बनाने की विधि, साबुदाना पापड़, मूंग पापड़, रखिया बड़ी, पपीता बड़ी, बिजौरी एवं अन्य सामग्री सीख रहे हंै और हमारा संकोच दूर हुआ है। उम्मीद से ही आगे बढ़ेंगे ऐसी कोशिश हमेशा रहेगी। खैरागढ़ विकासखंड की ग्राम फत्तेपुर से श्रीमती रूक्मिणी चतुर्वेदी अपनी सात वर्षीय बेटी मानसी को लेकर आयी थी। उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण के लिए घर का सहयोग मिला है और यहां आकर वह बहुत कुछ सीख सकीं। इस अवसर पर ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान के फैकैल्टी से श्री पे्रम साहू एवं अन्य श्रमिक महिलाएं उपस्थित थी।
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