छत्तीसगढ़

नील क्रांति योजना से राजेश केंवट बना मछली का थोक विक्रेता

जांजगीर-चांपा: छत्तीसगढ़ सरकार खेती किसानी से जुड़े किसानों और इससे जुड़े व्यवसायियों की समृद्धि के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं प्रारंभ की है। जिसके फलस्वरूप किसान तथा खेती किसानी से जुड़े व्यवसाय भी समृद्धि की राह पर आगे बढ़ रहे हैं। जांजगीर-चांपा जिले के अकलतरा निवासी राजेश केंवट ने अब मछली के थोक व्यवसायी के रूप […]

जांजगीर-चांपा: छत्तीसगढ़ सरकार खेती किसानी से जुड़े किसानों और इससे जुड़े व्यवसायियों की समृद्धि के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं प्रारंभ की है। जिसके फलस्वरूप किसान तथा खेती किसानी से जुड़े व्यवसाय भी समृद्धि की राह पर आगे बढ़ रहे हैं।

जांजगीर-चांपा जिले के अकलतरा निवासी राजेश केंवट ने अब मछली के थोक व्यवसायी के रूप में अपनी पहचान बना ली है। मत्स्य पालन विभाग की नील क्रांति योजना के तहत ऑटो सह आइस बॉक्स के लिए 80 हजार रुपये का अनुदान प्राप्त हुआ है। इससे उसके पारंपरिक व्यवसाय में वृद्धि हुई है। वह महीने में 40-45 हजार रुपये तक की आमदनी प्राप्त कर रहे हैं। इससे राजेश का आत्मविश्वास भी बढ़ा है। उसका परिवार खुशहाल है। वे अपने आय को और अधिक बढ़ाने के लिए योजना भी बना रहे हैं। अन्य मछली व्यवसाई भी राजेश की सफलता से प्रेरित होकर मछली विभाग की नील क्रांति योजना के लिए आकर्षित हो रहे हैं।

अकलतरा निवासी राजेश केंवट ने मछली व्यवसायी के रूप में अपनी पहचान बनाई है। पहले वे मोटर सायकल  से हाट बाजार में मछली बेचा करते थे।  वे प्रतिदिन 40 – 50 किलो तक ही मछली बेचते  पाते थे। इससे उसकी  आय 1 दिन में अधिकतम 700 रुपये तक ही हो पाती थी।    

मछली पालन विभाग के अधिकारियों ने राजेश को नील क्रांति योजना के तहत  ऑटो सह आईस बाक्स के बारे में जानकारी दी।  सभी औपचारिकताएं पूरी करवाने के बाद उसे पात्रता अनुसार 80 हजार रुपए की अनुदान राशि प्रदाय किया गया। अब राजेश मछली विक्रय का कार्य ऑटो रिक्शा से करते हैं।  वह फुटकर एवं थोक मछली विक्रय का काम साथ-साथ कर रहे हैं। प्रतिदिन 250 से 300 किलो तक मछली की बिक्री हो जाती है।  राजेश की प्रतिदिन  लगभग 1500 से 2000 रूपये तक की आमदनी हो रही है। इस तरह से  सभी खर्चों के बाद उनकी मासिक आय  40 से 45 हजार रुपये तक हो रही है। अब वह अपना एवं अपने परिवार का पालन पोषण अच्छे ढंग से कर पा रहा है।

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