छत्तीसगढ़

महिलाएं समूह बैग का व्यवसाय कर हो रहीं आत्मनिर्भर

बलौदाबाजार: जिले के सिमगा विकासखण्ड के अंतर्गत ग्राम केसली की महिला समूह ने आत्मनिर्भर होने के लिए एक नया मिशाल पेश की है। गाँव की ज्योति महिला स्व सहायता समूह से जुड़े 10 महिलाओं ने कपड़े का बैग बनाकर एवं उसे बेचकर प्रति माह करीब 18 से 20 हजार रुपये की आमदनी प्राप्त कर रहें […]

बलौदाबाजार: जिले के सिमगा विकासखण्ड के अंतर्गत ग्राम केसली की महिला समूह ने आत्मनिर्भर होने के लिए एक नया मिशाल पेश की है। गाँव की ज्योति महिला स्व सहायता समूह से जुड़े 10 महिलाओं ने कपड़े का बैग बनाकर एवं उसे बेचकर प्रति माह करीब 18 से 20 हजार रुपये की आमदनी प्राप्त कर रहें है। महिला समूह की सभी सदस्य गरीब परिवार से उन्होंने नवंबर 2016 में जिला पंचायत के माध्यम से बिहान के बारे में जानकारी मिला। फिर सभी महिलाएं आपस मे मिलकर एक समूह बनाकर धीरे धीरे अपना कार्य प्रारंभ किया।

इस दौरान जिला पंचायत से सतत मार्गदर्शन महिला स्व सहायता समूह को मिलता रहा। महिला समूह की सचिव सरिता साहू ने बताया की प्रारंभ में हम लोग साप्ताहिक बैठक कर अपनी छोटी छोटी जरूरतों को पूरा करने हेतु समूह से ऋण प्राप्त करने लगें इसके साथ ही मजदूरी कर ऋण चुकाने लगें किन्तु फिर भी हम लोगो को घर चलाने एवं बच्चों की पड़ हेतु बाहर से ऋण लेना पड़ता था। ईस दौरान बिहान के क्षेत्रीय समन्वयक के द्वारा समूहों के सदस्यों को सामुदायिक निवेश निधि के बारे में जानकारी प्राप्त हुआ बाद में बिहान के माध्यम से  स्व रोजगार हेतु 60 हजार रूपए प्राप्त हुए। हम सभी महिलाओं ने आपस मे निर्णय कर कपड़ों से बना बैग बनाने का निर्णय लिए जो आज एक अच्छी व्यवसाय के रूप चल रही है।

उन्होंने आगे बताया की फिर भी यह राशि घरेलू आवश्यकता एवं ऋण चुकाने हेतु प्रर्याप्त नही था। इसके कुछ माह बाद हमे छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक के माध्यम से 2 लाख का ऋण मिला। जिसका उपयोग सिलाई मशीन एवं अन्य सामग्री खरीदने के साथ ही व्यापार को बढ़ाने में उपयोग किया गया। समूह की अध्यक्ष श्रीमती संध्या साहू ने बताया की अब हमारे काम को बहुत विस्तार मिला है। लगातार कपड़ो के बैग एवं उनके वैरायटी में भी विस्तार किया जा रहा है। एडवांस आर्डर भी लोकल मार्केट से अच्छी मिल जा रहीं है। आज समूह से जुड़ी सभी महिलाओं की आर्थिक स्थिति में बहुत सुधार आया है।

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