धर्म-कर्म

शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए लाल किताब के अचूक टोटके

ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव (Shanidev) को कर्मफल दाता कहा जाता है। वहीं लाल किताब में शनि को पापी ग्रह का दर्जा दिया गया है। राहु और केतु इसके सेवक हैं। यह तीनों ग्रह एक साथ मिलकर कुंडली में खतरनाक स्थिति बनाते हैं। कुंडली में शनि शुभ योग में हो तो जातक को शुभ फल मिलते हैं।

ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव (Shanidev) को कर्मफल दाता कहा जाता है। वहीं लाल किताब में शनि को पापी ग्रह का दर्जा दिया गया है। राहु और केतु इसके सेवक हैं। यह तीनों ग्रह एक साथ मिलकर कुंडली में खतरनाक स्थिति बनाते हैं। कुंडली में शनि शुभ योग में हो तो जातक को शुभ फल मिलते हैं। वहीं, शनि कमजोर या अशुभ योग में हो तो अच्छा खासा व्यक्ति भी बर्बादी की कगार पर पहुंच जाता है। लाल किताब में शनि को मजबूत और प्रसन्न करने के लिए कई अचूक उपाय बताए गए हैं।

शुभ योग में होने पर शनि व्यक्ति को मालामाल कर देता है, जबकि अशुभ योग होने पर इसके नकारात्मक प्रभाव दिखते हैं। शनि अशुभ योग में हो तो व्यक्ति हमेशा विवादों में रहता है। उसका घर बिक जाता है या फिर क्षतिग्रस्त हो जाता है। व्यक्ति को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। जुए-सट्टे की लत से व्यक्ति कंगाल हो जाता है। व्यक्ति किसी ना किसी आपराधिक मामले में फंसा रहता है। यहां तक कि उसे जेल तक हो सकती है। शनि बुरी अवस्था में हो तो व्यक्ति किसी बड़ी दुर्घटना का भी शिकार हो सकता है।

ज्योतिष में लाल किताब के उपाय को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। इसमें बताए गए शनि की शांति के टोटके बहुत ही लाभकारी और सरल हैं। शनि की बुरी दृष्टि से बचने के लिए प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। शनि की शांति के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए। तिल, उड़द, लोहा, भैंस, तेल, काले कपड़े और जूतों का दान करना चाहिए।

काले कुत्ते को रोटी खिलाने और उसकी सेवा करने से लाभ मिलता है। जिन लोगों का शनि भारी हो उन्हें शराब और मांस से सख्त परहेज करना चाहिए। शनि मंदिर में सरसों का तेल चढ़ाकर पापों की क्षमा मांगनी चाहिए। रोजाना कौए को रोटी चुगाने से भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं।

(laatsaab.com में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और लोक आस्थाओं पर आधारित है, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इसे लोगों की सामान्य रुचि को ध्यान में रखते हुए यहां प्रस्तुत किया गया है।)