धर्म-कर्म

Ganesh ji का अद्भुत विरोधाभासी परिवार

भगवान गणेश (Bhagwan Ganesh) देवाधिदेव शिव परिवार में ज्येष्ठ पुत्र हैं। शिव परिवार (Shiv Parivar) के प्रत्येक सदस्य या उनसे जुड़े वाहन एक-दूसरे से विपरीत होने के बावजूद प्रेम के धागे से बंधे हैं। जैसे शिवपुत्र कार्तिकेय (Kartikeya) का वाहन मयूर है, मगर शिवजी के गले में सर्प लटके रहते हैं। वैसे स्वभाव से मयूर […]

भगवान गणेश (Bhagwan Ganesh) देवाधिदेव शिव परिवार में ज्येष्ठ पुत्र हैं। शिव परिवार (Shiv Parivar) के प्रत्येक सदस्य या उनसे जुड़े वाहन एक-दूसरे से विपरीत होने के बावजूद प्रेम के धागे से बंधे हैं। जैसे शिवपुत्र कार्तिकेय (Kartikeya) का वाहन मयूर है, मगर शिवजी के गले में सर्प लटके रहते हैं। वैसे स्वभाव से मयूर और सर्प दुश्मन हैं।

इधर गणपति का वाहन चूहा है, जबकि सांप मूषकभक्षी जीव है। पार्वती स्वयं शक्ति हैं, जगदम्बा हैं जिनका वाहन शेर है। मगर शिवजी का वाहन तो नंदी बैल है। परंतु नहीं, इन भिन्नताओं, शत्रुताओं और ऊंचे-नीचे स्तरों के बावजूद शिव का परिवार शांति के साथ कैलाश पर्वत पर प्रसन्नतापूर्वक रहता है।

स्वभावों की विपरीतताओं, विसंगतियों और असहमतियों के बावजूद सब कुछ सुगम है, क्योंकि परिवार के मुखिया ने सारा विष तो अपने गले में थाम रखा है। विसंगतियों के बीच संतुलन का बढ़िया उदाहरण है शिव का परिवार। इसी तरह भगवान गणेश का परिवार भी सुख और समृद्ध से परिपूर्ण है। आइए जानिए गणेशजी के सम्पूर्ण परिवार के बारे में।

माता-पिता : पार्वती और शिव।

भाई : श्रीकार्तिकेय (बड़े भाई)। हालांकि उनके और भी भाई हैं जैसे सुकेश, जलंधर, अयप्पा और भूमा।

बहन : अशोक सुंदरी। हालांकि महादेव की और भी पुत्रियां थीं जिन्हें नागकन्या माना गया। ये हैं जया, विषहर, शामिलबारी, देव और दोतलि। अशोक सुंदरी को भगवान शिव और पार्वती की पुत्री बताया गया इसीलिए वही गणेशजी की बहन है। इसका विवाह राजा नहुष से हुआ था।

पत्नियां : ऋद्धि, सिद्धि, तुष्टि, पुष्टि और श्री।

पुत्र : लाभ और शुभ तथा पोते आमोद और प्रमोद।

अधिपति : जल तत्व के अधिपति।

प्रिय पुष्प : लाल रंग के फूल।

प्रिय वस्तु : दुर्वा (दूब) और शमी-पत्र।

प्रमुख अस्त्र : पाश और अंकुश।

वाहन : सिंह, मयूर और मूषक। सतयुग में सिंह, त्रेतायुग में मयूर, द्वापर युग में मूषक और कलियुग में घोड़ा है।

जप मंत्र : ॐ गं गणपतये नम:

गणेशजी की पसंद : गणेशजी को बेसन और मोदक के लड्डू पसंद हैं

प्रार्थना के लिए : गणेश स्तुति, गणेश चालीसा, गणेशजी की आरती, श्रीगणेश सहस्रनामावली आदि।

12 प्रमुख नाम : सुमुख, एकदंत, कपिल, गजकर्णक, लंबोदर, विकट, विघ्नहर्ता, विनायक, धूम्रकेतु, गणाध्यक्ष, भालचंद्र, गजानन हैं।