नई दिल्लीः जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल और स्वच्छता विभाग के राष्ट्रीय जल जीवन मिशन (एनजेजेएम) ने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग से 15 सितम्बर, 2020 को “स्मार्ट जल आपूर्ति मापन एवं निगरानी प्रणाली” विकसित करने के लिए एक आईसीटी ग्रैंड चैलेंज की शुरूआत की। जल जीवन मिशनइस ग्रैंड चैलेंज का उपभोक्ता एजेंसी होगा और सी-डैक, बेंगलूर कार्यान्वयन एजेंसी है, जो इस चैलेंज के लिए तकनीकी सहायता प्रदान कर रहा है। इसमें देशभर से उत्साहजनक भागीदारी देखी गई। एलएलपी कंपनियों, भारतीय टेक स्टार्टअपों, व्यक्त्यिों आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों से कुल 218 आवेदन प्राप्त किए गए थे। शिक्षा जगत, उद्योगजगत, जल जीवन मिशन, सी-डैक, एसटीपीआई, सीओई, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय आदि के विशेषज्ञों को मिलाकर एक जूरी गठित की गई थी।
जूरी की सिफारिशों के आधार पर 20 नवंबर, 2020 को आईसीटी ग्रैंड चैलेंज के परिणाम घोषित किए गए। शुरूआती अवधारणा तैयार करने के लिए 10 आवेदकों का चयन किया गया है और इनमें से प्रत्येक को 7.50 लाख रुपये की सहायता दी जा रही है।
फिलहाल प्रोटोटाइपों को विकसित किया जा रहा है,जिनका मूल्यांकन जूरी द्वारा जनवरी, 2021 के अंतिम सप्ताह में किया जाना है। इन मूल्यांकनों के लिए सी-डैक बेंगलूर स्थित इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी कैम्पस में एक जल परीक्षण बैड की स्थापना की गई है। तकनीकी और आर्थिक तौर पर व्यवहार्य चार प्रोटोटाइपोंका उत्पाद विकास के लिए चयन किया जाएगा और प्रत्येक टीम को उपभोक्ता एजेंसी की आवश्यकता के अनुसार उनका समाधान तैयार करने के लिए 25 लाख रुपये दिए जाएंगे।
इसके बाद जल जीवन मिशन द्वारा चयनित देश भर में लगभग 25 स्थानों में क्षेत्रीय परीक्षण, परीक्षण तथा तैनाती और प्रदर्शन किया जाएगा। मूल्यांकन के आधार पर, एक विजेता और दो उपविजेताओं का चयन किया जाएगा और उन्हें क्रमश: 50 लाख रुपये (विजेता) और 20 लाख रुपये प्रत्येक (उपविजेता) का भुगतान किया जाएगा। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और राष्ट्रीय जल जीवन मिशन की आर्थिक सहायता से ग्रैंड चैलेंज संचालित किया जा रहा है।
जल जीवन मिशन केंद्र सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नल द्वाराजल कनेक्शन प्रदान करना है। प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त, 2019 को इसमिशन की घोषणा की थी। मिशन ने अब तक ग्रामीण क्षेत्रों में 3.13 करोड़ घरेलू नल कनेक्शन प्रदान किए हैं।
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