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‘बिलकिस बानो केस’ में कैदियो की रिहाई पर गुजरात सरकार की दलील!

गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि बिलकिस बानो मामले के 11 दोषियों को 14 साल की जेल की सजा पूरी करने के बाद रिहा करने की वजह क्या है। सरकार ने बताया कि 11 कैदियों ने जेल में 14 साल से अधिक की सजा पूरी कर ली है और इस दौरान उनका व्यवहार अच्छा पाया गया।

नई दिल्ली: गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि बिलकिस बानो मामले के 11 दोषियों को 14 साल जेल की सजा पूरी करने के बाद रिहा करने का करण बताया। गुजरात सरकार ने हलफनामे में कहा है कि राज्य सरकार ने सभी राय पर विचार करने के बाद 11 कैदियों को रिहा करने का फैसला लिया क्योंकि उन्होंने जेल में 14 साल से अधिक की सजा पूरी कर ली है और उनका व्यवहार अच्छा पाया गया है।

वहीं हलफनामे में कहा गया है कि भारत सरकार ने 11 जुलाई 2022 के पत्र के माध्यम से 11 कैदियों की समय से पहले रिहाई के लिए CRPC की धारा 435 के तहत केंद्र सरकार की सहमति/अनुमोदन से अवगत कराया। हलफनामे में कहा गया है कि राज्य सरकार ने सात अधिकारियों जेल महानिरीक्षक, गुजरात, जेल अधीक्षक, जेल सलाहकार समिति, जिला मजिस्ट्रेट, पुलिस अधीक्षक, सीबीआई, विशेष अपराध शाखा, मुंबई, और सत्र न्यायालय, मुंबई की राय पर विचार किया।

हलफनामे के मुताबिक, राज्य सरकार के अनुमोदन के बाद 10 अगस्त, 2022 को कैदियों को रिहा करने के आदेश जारी किए गए। इस मामले में राज्य सरकार ने 1992 की नीति के तहत प्रस्तावों पर विचार किया, जैसा कि अदालत द्वारा निर्देशित किया गया था और ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के हिस्से के रूप में कैदियों को रिहा किया गया।

साथ ही हलफनामे में कहा गया है कि सभी दोषी कैदियों ने आजीवन कारावास के तहत जेल में 14 साल से अधिक पूरे कर लिए हैं। संबंधित अधिकारियों की राय 9 जुलाई 1992 की नीति के अनुसार प्राप्त की गई और गृह मंत्रालय को 28 जून, 2022 दिनांकित पत्र भेजकर केंद्र से अनुमोदन/उपयुक्त आदेश मांगा गया था।