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सागरमला सीप्‍लेन सेवाः जानिए! कौन-कौन से शहरों को मिलेगी ये सुविधा

नई दिल्ली: बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय कुछ चुनिंदा मार्गों पर विशेष उद्देश्‍य वाले वाहन (स्‍पेशल परपज व्‍हीकल-एसपीवी) संरचना के तहत संभावित एअर लाइन परिचालकों के जरिए सीप्‍लेन सेवा शुरू करने वाली है। इस परियोजना को सागरमला विकास कंपनी लिमिटेड (एसडीसीएल) के माध्‍यम से लागू किया जाएगा। यह कंपनी मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में है। […]

नई दिल्ली: बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय कुछ चुनिंदा मार्गों पर विशेष उद्देश्‍य वाले वाहन (स्‍पेशल परपज व्‍हीकल-एसपीवी) संरचना के तहत संभावित एअर लाइन परिचालकों के जरिए सीप्‍लेन सेवा शुरू करने वाली है। इस परियोजना को सागरमला विकास कंपनी लिमिटेड (एसडीसीएल) के माध्‍यम से लागू किया जाएगा। यह कंपनी मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में है।

सीप्‍लेन परिचालन के लिए विभिन्‍न गंतव्‍यों के बारे में विचार किया जा रहा है। हब एंड स्‍पोक मॉडल के तहत प्रस्‍तावित उद्गम दृ गंतव्‍य स्‍थलों में अंडमान और निकोबार तथा लक्षद्वीप समूह, असम में गुवाहाटी रिवरफ्रंट और उमरांसों जलाशय, दिल्‍ली में यमुना रिवरफ्रंट से अयोध्‍या, टेहरी, श्रीनगर (उत्‍तराखंड), चंडीगढ़ तथा पंजाब और हिमाचल प्रदेश के कई पर्यटन स्‍थल य मुंबई से शिरडी, लोनावला, गणपति पुल य सूरत से द्वारका, मांडवी और  कांडला य खिंडसी डेम, नागपुर और इराई डेम, चंद्रपुर (महाराष्‍ट्र) औरध्या परिचालक द्वारा सुझाए जाने वाले अन्‍य हब और स्‍पोक शामिल है।

ऐसी ही एक सीप्‍लेन सेवा अहमदाबाद के साबरमती रिवरफ्रंट और केवडि़या के बीच पहले से ही चल रही है। इसका उद्घाटन माननीय प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने 31 अक्‍टूबर, 2020 को किया था। तटवर्ती इलाकों और जलधाराओं के निकट इस तरह की और सेवाएं शुरू करने के लिए एसडीसीएल इस काम में दिलचस्‍पी रखने वाले अधिसूचितध्गैर अधिसूचित एअर लाइन परिचालकों के साथ जुड़ना चाहती है। सागरमला सीप्‍लेन सेवाओं (एसएसपीएस) का संयुक्‍त रूप से विकास और परिचालन, सागरमला विकास कंपनी लिमिटेड (एसडीसीएल) के साथ एक विशेष उद्देश्‍य वाहन (स्‍पेशल परपज व्‍हीकल) बनाकर किया जाएगा।

दूरदराज के इलाकों को संपर्क और आसान पहुंच मुहैया कराने के लिए एसडीएलसी सीप्‍लेन सेवा के जरिए देश की विस्‍तृत तटीय रेखा और विभिन्‍न जलधाराओंध्‍नदियों के इस्‍तेमाल की योजना बना रहा है। सीप्‍लेन नजदीकी जलधाराओं और नदियों का इस्‍तेमाल उड़ान भरने के लिए और उतरने के लिए करेगा तथा इस तरह इन स्‍थानों को बहुत कम कीमत पर जोड़ सकेगा और सीप्‍लेन परिचालन के लिए पारंपरिक हवाई अड्डों में बने रनवे तथा टर्मिनल इमारतों जैसी अवसंरचना की जरूरत नहीं पड़ेगी।  

सीप्‍लेन सेवा देश में तेज और आरामदायक परिवहन की सुविधा मुहैया कराने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाएगी। बहुत से दूरस्‍थध्धार्मिकध्पर्यटक स्‍थलों को हवाई मार्ग से जोड़ने के अलावा यह घरेलू और अंतर्राष्‍ट्रीय पर्यटकों के लिए पर्यटन अवसरों को बढ़ाएगी। यह यात्रा समय की बचत करेगी और स्‍थानीय तौर पर कम दूरी की यात्रा, खासतौर से पर्वतीय क्षेत्रों में और नदियों तथा झीलों के आर-पार रहने वाले लोगों के लिए, की प्रवृति को बढ़ावा देगी। परिचालन स्‍थलों पर अवसंरचना में वृद्धि करने के साथ-साथ यह न सिर्फ पर्यटन को बहुत अधिक बढ़ावा देगी बल्कि इससे व्‍यावसायिक गति‍विधियां भी बढ़ेंगी।

बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार), मनसुख मंडाविया ने कहा कि देशभर में संपर्क को सुधारने और भारत को पर्यटकों के लिए आकर्षक गंतव्‍य बनाने की माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की परिकल्‍पना के अनुरूप सीप्‍लेन परिचालन की शुरूआत की जा रही है। बहुत से दूरस्‍थ, धार्मिकध्पर्यटन स्‍थलों और जलधाराओं के निकट स्थित अन्‍चीन्‍हे स्‍थलों को हवाई मार्ग से जोड़ने से यात्रा करना आसान हो जाएगा। इससे रोजगार अवसर पैदा होंगे और इन नए स्‍थानों पर पर्यटन का विकास होगा जो अंततरू देश के जीडीपी में योगदान करेगा।

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