नई दिल्ली: महामारी की रोकथाम और बचाव के लिये केंद्र सरकार ने जो पंचकोणीय रणनीति बनाई है, उसमें टीकाकरण की अहम हिस्सेदारी है। यह पंचकोणीय रणनीति टेस्ट, ट्रैक, ट्रीट, कोविड आचरण और टीकाकरण है। केंद्र सरकार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नि:शुल्क कोविड वैक्सीन प्रदान करके पूरे भारत में टीकाकरण अभियान में हाथ बंटा रही है।
कोविड-19 टीकाकरण के सरल और तेज तीसरे चरण की रणनीति पर अमल किया जा रहा है। यह रणनीति एक मई, 2021 से शुरू हो गई थी। रणनीति में यह साफ तौर पर कहा गया है कि हर महीने केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला से मान्यता प्राप्त वैक्सीनों में से 50 प्रतिशत वैक्सीन ही केंद्र सरकार लेगी। केंद्र सरकार लगातार केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला से मान्यता प्राप्त वैक्सीनों का 50 प्रतिशत हिस्सा हर महीने मुहैया करती रहेगी। इसके अलावा राज्य सरकारों को ये वैक्सीनें लगातार नि:शुल्क मिलती रहेंगी, जैसा कि पहले भी किया जा रहा था।
आज सुबह आठ बजे तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अब तक 18 करोड़ वैक्सीन (18,00,03,160) से अधिक खुराक नि:शुल्क निशुल्क मुहैया की है। इनमें से बरबाद हो जाने वाली वैक्सीनों को मिलाकर कुल 17,09,71,429 खुराकों की खपत हुई है।
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास अब भी 90 लाख से अधिक (90,31,691) कोविड वैक्सीन की खुराक मौजूद हैं, जिन्हें अभी लगाया जाना है। कुछ राज्य ऐसे हैं, जहां वैक्सीन का हिसाब-किताब संतुलित नहीं है, क्योंकि वहां खपत (बरबाद होने वाली वैक्सीन सहित) आपूर्ति से अधिक दिखाई दे रही है। इसका कारण यह है कि इन राज्यों ने सशस्त्र बलों को दी जाने वाली वैक्सीन को अपने हिसाब में दर्ज नहीं किया है।
इसके अलावा, सात लाख (7,29,610) से अधिक वैक्सीन खुराक अगले तीन दिनों में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को मिल जायेंगी।
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