नई दिल्लीः कोविड-19 वैक्सीन का ड्राई रन आज से पूरे भारत मे शुरू होने वाला है। इस ड्राई रन के जरिए पता चलेगा कि ये टीका कैसे लोगों तक पहुंचाना है और कैसे इसका इस्तेमाल करना है। साथ ही इसके लूपहोल्स के बारे में भी पता चलेगा। बड़े पैमाने पर कवायद के एक दिन बाद सरकार द्वारा नियुक्त विशेषज्ञों के एक पैनल ने भारत के नियामक औषधि नियंत्रण प्राधिकरण को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड कोविड-19 वैक्सीन के लिए मंजूरी की सिफारिश की है। आज का अभ्यास देश का दूसरा ड्राई रन है – पहला 28 दिसंबर और 29 दिसंबर को असम, आंध्र प्रदेश, पंजाब और गुजरात में किया गया था।
कोरोना वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी मिलने के बाद आज वैक्सीन का ड्राई रन शुरू किया जाएगा। देशभर में होने वाले इस ड्राई रन के आधार पर ही वास्तविक टीकाकरण अभियान को अंजाम दिया जाएगा। बता दें कि ड्राई रन के दौरान कोई वैक्सीन इस्तेमाल नहीं होगी। इसके जरिए केवल यह टेस्ट किया जाएगा कि सरकार ने वैक्सीनेशन का जो प्लान बनाया है, वह कितना कारगर साबित होगा।
पूरे भारत में, ये ड्राइ रन 116 जिलों में 259 जगहों पर चलाया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा था कि कुछ 96,000 वैक्सीनेटरों को इसके लिए प्रशिक्षित किया गया है। इनमें से, 2,360 प्रतिभागियों को प्रशिक्षकों के राष्ट्रीय प्रशिक्षण और 719 जिलों में जिला-स्तरीय प्रशिक्षण के साथ 57,000 से अधिक लोगों को प्रशिक्षित किया गया है।
इस प्रक्रिया में प्रत्येक स्थान पर 25 स्वास्थ्य कार्यकर्ता डमी टीके के साथ उपस्थिति रहेंगे। स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ड्राई रन में विशेष ध्यान टीकाकरण के बाद किसी भी संभावित प्रतिकूल घटनाओं के प्रबंधन पर होगा।
स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने सभी राज्यों में अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि टीकाकरण स्थल और प्रभारी स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा तैयार की गई चेकलिस्ट और मानक संचालन प्रक्रिया का पालन करें और सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ साझा करके उन्हें इस ड्राई रन में मार्गदर्शन करें।
स्वास्थ्य मंत्री राष्ट्रीय राजधानी में ड्राई रन की निगरानी करेंगे। यह स्थल शाहदरा में गुरु तेग बहादुर अस्पताल, दरियागंज में शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और द्वारका में वेंकटेश्वर अस्पताल हैं।
लखनऊ में, छह स्थानों पर ड्राई रन आयोजित किया जाएगा। पुणे में, यह नागपुर, जालना और नंदुरबार के अलावा तीन स्वास्थ्य केंद्रों में आयोजित किया जाएगा। छत्तीसगढ़ में सात जिलों में ड्राई होगा। गुजरात में चार जिलों में एक दिवसीय अभियान चलाया जाएगा। पंजाब पटियाला में ड्राई रन का आयोजन करेगा, और हरियाणा पंचकूला में अभ्यास करेगा। केरल में, सूखा रन चार जिलों – तिरुवनंतपुरम, इडुक्की, वायनाड और पलक्कड़ में आयोजित किया जाएगा।
भारत को कोविड-19 के लिए टीकाकरण का इंतजार है और यह जल्द ही शुरू हो जाएगा जब नियामक DCGI एक वैक्सीन को मंजूरी दे देगा। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और फार्मा प्रमुख एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित वैक्सीन कॉविशिल बना रहा है, जबकि Bharat Biotech ने अपने Covaxin के लिए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के साथ साझेदारी की है।
वैक्सीन की लागत कितनी होगी और इसका भुगतान कौन करेगा, एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने एनडीटीवी से कहा, ‘‘वर्तमान में, वैक्सीन की लागत सरकार द्वारा समर्थित है, इसलिए यह कुछ ऐसा होगा जो सरकार की पहल के हिस्से के रूप में किया जाएगा।’’
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन आज सुबह साढ़े 9 बजे खुद दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में ड्राई रन का जायजा लेने पहुंचे। उन्होंने कहा कि देश के पास वैक्सीनेशन का अनुभव है। वैक्सीनेशन में गाइडलाइन के पालन के सख्त नियम हैं। वैक्सीन पर ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया जल्द फैसला लेगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने बताया कि देश में ड्राई रन को लेकर स्वास्थ्यकर्मियों को पूरा प्रशिक्षण दिया जा चुका है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक विशेष टीम का भी गठन किया है, जो पूरी प्रक्रिया पर बारीकी से नजर बनाए रखेगी। अब तक पंजाब, असम, गुजरात और आंध्र प्रदेश में ऐसा ड्राई रन किया गया था। इन चारों राज्यों में ड्राई रन को लेकर अच्छे परिणाम सामने आए थे. जिसे ध्यान में रखते हुए अब सरकार पूरे देश में ड्राई रन शुरू करने जा रही है।
ड्राई रन की जरूरत क्यों?
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन के मुताबिक, वैक्सीनेशन के ड्राई रन के जरिए देश वैक्सीन लगाने की तैयारियों को परख लेगा यानी वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद देश में कोरोना के खिलाफ वैक्सीनेशन का कार्यक्रम बहुत तेजी से चलाया जा सकेगा।
हालांकि अंतिम निर्णय ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) द्वारा ही लिया जाएगा। इसका मतलब है कि डीजीसीआई का अप्रूवल मिलते ही अगले 6-7 दिनों में वैक्सीनशन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। बता दें कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका ने मिलकर कोविशील्ड वैक्सीन तैयार की है। ब्रिटेन और अर्जेंटिना के बाद भारत ऐसा तीसरा ऐसा देश है जहां ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन को अनुमति देने की सिफारिश की गई है।
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