नार्थ-ईस्ट

जोनाई में जल जीवन मिशन हालत खस्ता, अति निम्न सामग्री के साथ निर्माण कार्य में लगे शिशु श्रमिक

धेमाजी जिले के जोनाई महकमा के जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधीन जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) की पानी टंकी के निर्माण कार्य में निम्न स्तरीय निर्माण समाग्री लागने का आरोप लगाया गया हैं। आरोप लगाया गया हैं कि इस निर्माण कार्य में लगाये जाने वाले बालू और सेंड ग्रेवल (गिट्टी -बालु) और सरीयां (रड़) आदि व्यवहार किया जा रहा है, जो अति निम्म स्तर के हैं।

जोनाई: धेमाजी जिले के जोनाई महकमा के जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधीन जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) की पानी टंकी के निर्माण कार्य में निम्न स्तरीय निर्माण समाग्री लागने का आरोप लगाया गया हैं। आरोप लगाया गया हैं कि इस निर्माण कार्य में लगाये जाने वाले बालू और सेंड ग्रेवल (गिट्टी -बालु) और सरीयां (रड़) आदि व्यवहार किया जा रहा है, जो अति निम्म स्तर के हैं।

इतना ही नहीं इस कार्य में अन्य जिले से शिशु श्रमिकों को लाकर कार्य कराने का आरोप भी लगा हैं। दुसरी ओर विभाग की देखरेख में अति निम्न का कार्य चलाने से अंचल के लोग काफी परेशान हैं।

महकमा के तीन नंबर मुरकंगसेलेक के हाबी गाव निवासी लोगो ने कहा हैं कि यहां पर पानी टंकी के निर्माण का कार्य चलाया जा रहा है। जहां पर शिशु श्रमिकों को नियुक्त किया गया हैं। जहां केन्द्र सरकार ने 6-14 आयु के सारे बच्चों को निशुल्क शिक्षा प्राप्त करना अनिवार्य किया है। वहीं जोनाई महकमा में जल जीवन अभियान में शिशु श्रमिको को नियुक्त कर कार्य कराने की घटना से सर्व शिक्षा अभियान मिशन पर अँगुली उठ रही हैं।

इस मिशन से महकमे में पानी टंकियों के निर्माण से ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगो को शुद्घ पेयजल घर में ही उपलब्ध होगा।

सबसे अधिक फायदा उन क्षेत्रों को होगा जहां भूगर्भ जल का स्तर काफी नीचे है और बोरिंग में अधिक खर्च आता है और विशुद्ध जल सेवन करते हैं। ऐसी ग्राम पंचायतों में लोगों को जल जीवन मिशन योजना का लाभ मिलेगा। मगर निम्न गुणवत्ता वाले समाग्रियों का उपयोग कर और शिशु श्रमिकों द्वारा इस तरह के योजनाओं का कार्य करने के कारण केन्द्रीय और राज्य सरकार की इस योजना को यहां पर सफल होना काफी मुश्किल ही नामुमकिन भी होगा।