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सियांग और लाली नदी में भू-कटाव से कबुछापरी अंचल के अस्तित्व पर मंडरा रहा है खतरा

जोनाईः धेमाजी जिले के जोनाई महकमा के नदी द्वीप कबुछापरी अंचल में सियांग और लाली नदी के व्यापक भू-कटाव ने लोगों का घर-बाड़ी, खेत-खलिहान आदि नदी के आगोश में समां रहा है। इसी प्रकार भू-कटाव का क्रम जारी रहा तो आने वाले दिनों में कबुछापरी का अस्तित्व ही खत्म हो जायेगा। भयंकर भू-कटाव के कारण […]

जोनाईः धेमाजी जिले के जोनाई महकमा के नदी द्वीप कबुछापरी अंचल में सियांग और लाली नदी के व्यापक भू-कटाव ने लोगों का घर-बाड़ी, खेत-खलिहान आदि नदी के आगोश में समां रहा है। इसी प्रकार भू-कटाव का क्रम जारी रहा तो आने वाले दिनों में कबुछापरी का अस्तित्व ही खत्म हो जायेगा। भयंकर भू-कटाव के कारण कई परिवार ऐसे भी हैं जो सब-कुछ नदी में न्यौछावर कर तिरपाल के नीचे जीवन यापन कर रहे हैं। दूसरी ओर, जल सम्पदा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने आज तक इस अंचल की कोई खबर नहीं ली है और न ही किसी योजनाओं का क्रियान्वयन नहीं किया गया। इस अंचल के लोगों की जीविका का मुख्य एकमात्र साधन खेती-बाड़ी ही है। इतना ही नहीं कल सियांग और लाली नदी के भू-कटाव ने पुरानी काली मंदिर को भी अपनी आगोश में ले लिया। जिससे अंचल के लोगों की नींद हराम हो गई है। 

स्थानीय लोगों का कहना है कि चुनाव के दौरान सांसद और विधायक इस अंचल का रुख करते हैं। मगर चुनाव के समय पार होने के बाद सांसद और विधायक इस अंचल के लोगों की खबर भी नहीं लेते हैं।

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