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तेलंगाना देश का तीसरा राज्य बना जिसने शहरी निकाय सुधारों को लागू किया

नई दिल्लीः तेलंगाना देश का तीसरा राज्य बन गया है, जिसने सफलतापूर्वक शहरी निकायों के सुधारों को लागू कर दिया है। यह सुधार वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग द्वारा तैयार किए गए थे। सुधारों को लागू करने की वजह से राज्य खुले बाजार से उधारी लेने का पात्र बन गया है। राज्य इस सुविधा के […]

नई दिल्लीः तेलंगाना देश का तीसरा राज्य बन गया है, जिसने सफलतापूर्वक शहरी निकायों के सुधारों को लागू कर दिया है। यह सुधार वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग द्वारा तैयार किए गए थे। सुधारों को लागू करने की वजह से राज्य खुले बाजार से उधारी लेने का पात्र बन गया है। राज्य इस सुविधा के जरिए 2508 करोड़ रुपये का कर्ज ले सकेगा। तेलंगाना को इस सुविधा की अनुमति व्यय विभाग ने 7 जनवरी 2021 को दी है। इसके पहले आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश अपने यहां शहरी निकायों के सुधार लागू कर चुके हैं।  इन सुधारों को लागू करने से तीन राज्यों को 7406 करोड़ रुपये अतिरिक्त पूंजी जुटाने की अनुमति मिली है।

शहरी निकायों में सुधार के जरिए शहरी सुविधाओं को बढ़ाने और उन्हें अपने राज्य में वित्तीय रूप से मजबूत करने का उद्देश्य है। जिसके जरिए शहरों में सार्वजनिक स्वास्थ्य और स्वच्छता संबंधी सेवाओं को बेहतर किया जा सके। आर्थिक रूप से मजबूत शहरी निकायों को बेहतर आधारभूत संसाधन तैयार करने में भी मदद मिलेगी। सुधारों के जरिए शहरी निकायों के लिए निम्न कदम उठाना जरूरी है:

शहरी निकायों के लिए राज्य की जिम्मेदारी है कि वह संपत्ति कर के लिए फ्लोर रेट मौजूदा सर्किल रेट के आधार (संपत्तियों के लेन-देन पर रेट के लिए दिशानिर्देश जारी करें) पर बनाए।

फ्लोर रेट तय करते वक्त उपभोक्ता को पानी की आपूर्ति, जल निकासी और सीवरेज सुविधाओं की लागत को आधार बनाया जाय। साथ ही इस रेट में पुरानी महंगाई को भी लिंक करना होगा।

राज्य एक ऐसी प्रणाली बनाए जिसमें संपत्ति कर/उपभोक्ता शुल्क आदि में समय-समय पर बढ़ोतरी होती रहे।

इसके अलावा कोविड-19 महामारी की वजह से संसाधन जुटाने की खड़ी हुई चुनौती को देखते हुए भारत सरकार ने 17 मई को राज्यों के लिए कर्ज लेने की सीमा में भी बढ़ोतरी कर दी है। इसके तहत राज्य अपने सकल घरेलू उत्पाद के 2 फीसदी के बराबर कर्ज ले सकेंगे। जिसमें आधी पूंजी जुटाने की सुविधा, राज्य द्वारा नागरिकों की सुविधा के लिए उठाए गए सुधारों से जुड़ी होगी। राज्यों को अपने सकल घरेलू उत्पाद के 0.25 फीसदी की राशि चार नागरिक केंद्रित सुधारों को लागू करने पर मिलेगी। इसके तहत उन्हें एक राष्ट्र एक राशन कार्ड व्यवस्था (ख) ईज ऑफ डूइंग बिजनेस सुधार लागू करना (ग) शहरी निकाय/आधारभूत (जरूरी) सुविधाओं में सुधार (घ) ऊर्जा क्षेत्र में सुधार को लागू करना होगा।

अब तक 10 राज्यों में एक राष्ट्र एक राशन कार्ड व्यवस्था लागू कर दी गई है। इसी तरह 7 राज्यों ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस सुधारों को और 3 राज्यों ने स्थानीय निकाय सुधारों को लागू किया है। इसके तहत, जिन राज्यों ने सुधारों को लागू किया है उन्हें 54,190 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी जुटाने की अनुमति मिली है।

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