उत्तर प्रदेश

काशी विश्वनाथ मंदिर गलियारे के लिए, मुस्लिम पक्ष ने 1700 वर्ग फुट जमीन दी

नई दिल्लीः काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद मामले में मुस्लिम पक्ष ने साम्प्रदायिक सौहार्द का अनूठा प्रदर्शन करते हुए काशी विश्वनाथ गलियारे के लिए 1700 वर्ग फुट जमीन सौंपी है। ज्ञानवापी मस्जिद से सटी जमीन काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को ट्रांसफर कर दी गई है। इसके बदले में मंदिर प्रशासन ने मुस्लिम पक्ष को ज्ञानवापी मस्जिद […]

नई दिल्लीः काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद मामले में मुस्लिम पक्ष ने साम्प्रदायिक सौहार्द का अनूठा प्रदर्शन करते हुए काशी विश्वनाथ गलियारे के लिए 1700 वर्ग फुट जमीन सौंपी है। ज्ञानवापी मस्जिद से सटी जमीन काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को ट्रांसफर कर दी गई है। इसके बदले में मंदिर प्रशासन ने मुस्लिम पक्ष को ज्ञानवापी मस्जिद और काशी विश्वनाथ से कुछ दूरी पर 1000 वर्ग फुट जमीन दी है।

अंजुमन इंताजामिया मस्जिद के संयुक्त सचिव एसएम यासीन ने बताया कि मामला अभी भी अदालत में है। सरकार गलियारे का निर्माण कर रही है, वे भूमि अधिग्रहण की मांग कर रहे हैं। इसलिए हमने अपने लोगों से परामर्श किया और बोर्ड ने काशी विश्वनाथ गलियारे के लिए 1700 वर्ग फुट भूमि आवंटित करने के निर्णय को मंजूरी दे दी है।

वाराणसी कोर्ट ने दी एएसआई को मस्जिद के सर्वे की अनुमति
इस साल की शुरुआत में, वाराणसी की एक अदालत ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को काशी विश्वनाथ मंदिर के पास स्थित मस्जिद का सर्वेक्षण करने की अनुमति दी थी। ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति ने कथित तौर पर उच्च न्यायालय में इस कदम का विरोध किया है। कोर्ट काश विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद के बीच चल रहे विवाद की सुनवाई कर रहा था, कोर्ट ने पुरातत्व विशेषज्ञों के साथ पांच सदस्यीय कमेटी बनाने का भी निर्देश दिया।

यह मामला पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 द्वारा वर्जित है। पूजा स्थल अधिनियम को अयोध्या फैसले में सर्वाेच्च न्यायालय की 5 न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने बरकरार रखा था। उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जुफर अहमद फारूकी ने तब कहा था कि ज्ञानवापी मस्जिद की स्थिति सवाल से परे है।

मंदिर के लिए याचिकाकर्ता विजय शंकर रस्तोगी ने दावा किया है कि ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण 1669 में सम्राट औरंगजेब द्वारा शहर में काशी विश्वेश्वर मंदिर को तोड़ने के बाद किया गया था। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया है कि जिस जमीन पर मस्जिद है वह हिंदुओं की है।

Comment here