उत्तर प्रदेश

लखीमपुर खीरी कांड में कई पुलिसकर्मी हुए चोटिल, 18 लोग गिरफ्तार

नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई भयावह घटना शायद ही जल्दी कोई भुला पाए। इस खूनी झड़प में 4 किसानों सहित 8 लोग मौत की नींद सो गए। हालांकि, इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार और किसानों के बीच सुलहनामा हो गया है। योगी सरकार ने लखीमपुर खीरी कांड में मारे गए […]

नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई भयावह घटना शायद ही जल्दी कोई भुला पाए। इस खूनी झड़प में 4 किसानों सहित 8 लोग मौत की नींद सो गए। हालांकि, इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार और किसानों के बीच सुलहनामा हो गया है। योगी सरकार ने लखीमपुर खीरी कांड में मारे गए 4 किसानों के परिजनों को 45 लाख रुपये की अनुग्रह राशि और सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया है। साथ ही, राज्य सरकार ने यह भी घोषणा की है कि उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश इस मामले की जांच करेंगे।

मीडिया से बात करते हुए, पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘‘लखीमपुर खीरी कांड को लेकर विरोध कमोबेश शांतिपूर्ण था, लेकिन कुछ संगठनों ने कानून अपने हाथ में लिया और दूसरों के जीवन को खतरे में डाला। कई पुलिसकर्मियों को चोटें आई हैं। इस मामले में 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।’’

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम), कई किसान संघों के एक छत्र निकाय ने रविवार को एक बयान जारी कर इस घटना के संबंध में चार किसानों की मौत का दावा किया और आरोप लगाया कि चार किसानों में से एक की केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा, द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जबकि अन्य को कथित तौर पर उनके काफिले के वाहनों ने कुचल दिया।

हालांकि, आशीष मिश्रा ने एसकेएम की राय का खंडन किया और कहा कि वह उस जगह पर मौजूद नहीं थे, जहां घटना हुई थी।

उत्तर प्रदेश पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा, ‘‘लखीमपुर खीरी में कल मारे गए चार किसानों के परिवारों को सरकार 45 लाख रुपये और सरकारी नौकरी देगी। घायलों को 10 लाख रुपये दिए जाएंगे। किसानों की शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।’’

एडीजी ने यह भी बताया कि सीआरपीसी की धारा 144 लागू होने के कारण किसी भी राजनीतिक दल के नेता को जिले का दौरा नहीं करने दिया जाएगा।

गौरतलब है कि प्रदर्शनकारी किसानों के एक समूह ने तिकोनिया में केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा और यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को रोकने की कोशिश की थी। केंद्रीय मंत्री मिश्रा के हालिया भाषण से प्रदर्शनकारी किसान बेहद गुस्से में थे। किसानों का दावा है कि मंत्री के काफिले में एक कार के प्रदर्शनकारियों पर चढ़ने के बाद हिंसा भड़क गई। मौके से सामने आए वीडियो में किसानों द्वारा भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट करते और कई वाहनों में आग लगाते देखा जा सकता है। हिंसा की इस घटना में चार किसानों समेत आठ लोगों की जान चली गई।

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