उत्तर प्रदेश

यूपी के छोटे शहरों और गांवों में भी अब स्टेडियम, जिम्नेजियम और स्पोर्ट्स कोर्ट

लखनऊ: यूपी के छोटे शहरों में भी अब दिखेंगे बड़े स्टेडियम, जिम्नेजियम और स्पोर्ट्स कोर्ट्स। राज्य सरकार खेल और खिलाड़ियों दोनों को तराशने के लिए बड़ी तैयारी में लगी है। इसके तहत बड़े शहरों के साथ ही छोटे जिलों और कस्बाई इलाकों में भी खेल मैदान और अत्याधुनिक सुविधाएं बढ़ाई जा रही है। योजना के […]

लखनऊ: यूपी के छोटे शहरों में भी अब दिखेंगे बड़े स्टेडियम, जिम्नेजियम और स्पोर्ट्स कोर्ट्स। राज्य सरकार खेल और खिलाड़ियों दोनों को तराशने के लिए बड़ी तैयारी में लगी है। इसके तहत बड़े शहरों के साथ ही छोटे जिलों और कस्बाई इलाकों में भी खेल मैदान और अत्याधुनिक सुविधाएं बढ़ाई जा रही है। योजना के तहत सरकार अगले 03 महीने में झांसी में 3.5662 करोड़ रुपये की लागत से बने जिम्नास्टिक हॉल का तोहफा देने जा रही है। कासगंज में भी 10.2125 करोड़ रुपये से स्पोर्ट्स स्टेडियम बनकर तैयार हो गया है। जल्द ही जिले के खिलाड़ियों को अपने स्टेडियम में खेल की सुविधाएं मिलना शुरू हो जाएंगी।

खेलों को बढ़ावा देने में लगी राज्य सरकार ने प्रदेश के खेल मैदानों की सूरत बदलने के साथ वहां की सुंदरता बढ़ाने और रखरखाव के लिए कई व्यवस्थाएं की हैं। कानपुर के ग्रीन पार्क के बाद लखनऊ में केडी सिंह बाबू स्टेडियम में सरकार ने 3.82 करोड़ रुपये के स्प्रिंकलर लगवाए हैं। स्प्रिंकलर के लगने के बाद पूरे खेल मैदान को पानी मिलने लगा है। इसके प्रयोग से मैदान में घास उगने में फायदा होने के साथ पानी की बचत भी होगी। गांव-गांव से निकलने वाली प्रतिभाओं को खेल के अवसर दिलाने और उनके खेल में सुधार लाने के प्रयास सरकार की ओर से किये जा रहे हैं। खिलाड़ियों के पलायन को रोकने के लिए भी सरकार प्रत्येक जिले में खेल स्टेडियमों का तोहफा देने का काम कर रही है।

राज्य सरकार खिलाड़ियों को अपने ही प्रदेश में बेहतर खेल की सुविधाएं मुहैया कराने में जुटी है। इस क्रम में खेल विभाग ने 1.09 करोड़ रुपये से जुल्फिकार अली हॉकी स्टेडियम रामपुर में छात्रावास की मरम्मत का काम भी पूरा कर लिया है। उत्तर प्रदेश की कमान संभालने के बाद से ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज तक प्रदेश में खिलाड़ियों की सुविधाओं को लगातार बढ़ाने का काम किया है। सरकार के इस प्रयास से खिलाड़ियों को खेलने के अवसर मिल रहे हैं और उनको खेल में विशिष्टता के आधार पर विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरियां भी मिली हैं।

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