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मलेशिया ने पाक का विमान किया जब्त, क्रू मेम्बर और यात्रियों को बेइज्जत कर उतारा

नई दिल्लीः पाकिस्तान का खजाना खाली हो चुका है और वो पूरी तरह से कंगाल हो चुका है। ऐसे में पाकिस्तान को हमेशा दूसरे देशों पर आश्रित रहना पड़ता है। लेकिन इस मुसीबत की घड़ी में उसके दोस्त भी उसका साथ छोड़ते जा रहे हैं। ऐसी ही एक ताजा घटना में मलेशिया ने पाकिस्तान इंटरनेशनल […]

नई दिल्लीः पाकिस्तान का खजाना खाली हो चुका है और वो पूरी तरह से कंगाल हो चुका है। ऐसे में पाकिस्तान को हमेशा दूसरे देशों पर आश्रित रहना पड़ता है। लेकिन इस मुसीबत की घड़ी में उसके दोस्त भी उसका साथ छोड़ते जा रहे हैं। ऐसी ही एक ताजा घटना में मलेशिया ने पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस के एक बोईंग 777 यात्री विमान को जब्त कर लिया है। बता दें कि यह विमान पाकिस्तान ने लीज पर लिया था और पैसा नहीं चुकाने पर मलेशिया ने इस विमान को जब्त कर लिया है। विमान में बैठे यात्रियों को भी इस विमान से उतार दिया गया है और उनके लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है।

पीआईए के एक अधिकारी ने बताया कि इस मामले में 14 मिलियन डॉलर का लीज विवाद शामिल था।  

क्वालालंपुर हवाई अड्डे पर इस घटना के समय विमान में यात्री और चालक दल सवार था, लेकिन उन्हें बेइज्जत कर उतार दिया गया। पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस ने एक ट्वीट कर बयान जारी करते हुए कहा कि पीआईए कि एक एयरलाइन को मलेशिया की स्थानीय अदालत ने वापस मंगवा लिया है। यह एकतरफा फैसला है। यह विवाद पीआईए और अन्य पार्टी के बीच लंदन की अदालत में लंबित है।  

पाकिस्तानी अखबार ‘डाॅन’के मुताबिक इन विमानों को विभिन्न कंपनियों से समय-समय पर ड्राई लीज पर लिया गया है। मलेशिया ने जिस विमान को जब्त किया है, वह भी लीज पर था लेकिन लीज की शर्त के तहत पैसा नहीं चुकाने पर इस विमान को क्वालालंपुर में जब्त कर लिया गया है। गौरतलब है कि इससे पहले पाकिस्तान से उसके कभी बेहद करीब रहे सऊदी अरब ने अपने तीन अरब डॉलर वापस मांग लिए थे। इमरान सरकार ने चीन से लोन लेकर सऊदी अरब के लोन को चुकाया था।  

पाकिस्तान में प्रति व्यक्ति ऋण पिछले वित्त वर्ष के अंत में 28 प्रतिशत बढ़कर एक लाख 53 हजार 689 रुपए हो गया। यानी पाकिस्तान में पैदा होने वाला व्यक्ति एक लाख 53 हजार 689 रुपए का कर्ज लेकर पैदा हो रहा है। यह जानकारी वित्त मंत्रालय ने नेशनल असेंबली को देते हुए कहा कि सभी बजट रणनीति लक्ष्य चूक गए हैं, जिसकी वजह से सार्वजनिक ऋण तेजी से बढ़ गया है। अपनी वार्षिक राजकोषीय नीति 2019-20 में वित्त मंत्रालय ने बताया कि उसका मौजूदा व्यय साल 2018-19 में 19 साल के उच्चतर स्तर पर रहा।

(With agency input)

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