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एलियन हमले में इस मंदिर में प्रकट हुई शनिदेव की शिला!

मध्यप्रदेश के ऐंती गांव में शनिदेव का दुर्लभ मंदिर एक प्राचीन शिला पर मौजूद है। लोगों की मान्यता है कि यह शिला दूसरे ग्रह के लोगों (एलियन) द्वारा हमला करने पर यहां आई थी! किवदंतियों के अनुसार त्रेतायुग में ये शिला आसमान से गिरी थी। तो वहीं कुछ लोगों का कहना है कि यह शिला […]

मध्यप्रदेश के ऐंती गांव में शनिदेव का दुर्लभ मंदिर एक प्राचीन शिला पर मौजूद है। लोगों की मान्यता है कि यह शिला दूसरे ग्रह के लोगों (एलियन) द्वारा हमला करने पर यहां आई थी!

किवदंतियों के अनुसार त्रेतायुग में ये शिला आसमान से गिरी थी। तो वहीं कुछ लोगों का कहना है कि यह शिला राजा विक्रमादित्य ने बनवाई थी। सच क्या है, कोई नहीं जानता है लेकिन लोगों की आस्था इस शिला से जुड़ी है और लोग इसे पूजते है।शनिश्चरा स्थित इस शनि देव मंदिर का निर्माण राजा विक्रमादित्य ने करवाया था। सिंधिया शासकों द्वारा इसका जीर्णाेद्धार कराया गया।

यदि वैज्ञानिक पहलू पर गौर किया जाए तो उनका मानना है कि मंदिर के पास यह शिला दूसरे ग्रह के पिंड गिरने से यहां आई है।जियोलॉजिस्ट विभाग ने इसका परीक्षण किया था तो पाया कि यह शिला ऐसी मिश्र धातुओं की बनी है, जिसमें आयरन सबसे ज्यादा है।

यह भी माना जाता है कि हनुमान जी ने शनिदेव को रावण की कैद से मुक्‍त कराकर ऐंती गांव पास स्थित पहाड़ों पर छोड़ा था। कहते हैं कि त्रेता युग में बने इस मंदिर में शनि के प्रकोप से पीड़ित कोई व्यक्ति पूजा अर्चना करता है तो उसके कष्ट दूर हो जाते हैं। ऐसे कई जातक हैं जिन पर शनि की साढ़े साती या ढय्या चल रही है। यह बात वह किसी विषय विशेषज्ञ ज्योतिषी से पता कर सकते हैं।

यहीं नहीं यहां हर वर्ष शनिश्चरी अमावस्या के दिन भक्त विशेष अनुष्ठान आयोजित कर पितृदोष और कालसर्प दोष से भी मुक्ति पा सकते हैं।