राष्ट्रीय

निजी अस्पतालों को लेकर SC का फैसला, अपनी सुरक्षा का इंतजाम खुद करें

न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति ए एस ओका की पीठ ने कहा कि इस देश में बड़ी संख्या में अस्पताल, नर्सिंग होम और चिकित्सा संस्थान निजी हैं। ऐसे में केंद्र और राज्य सरकार से ये आशा नहीं की जा सकती कि वो इन निजी संस्थानों को सुरक्षा उपल्ब्ध कराएं।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने निजी अस्पतालों की सुरक्षा से जुड़ी एक याचिका पर टिप्पणी करते हुए सुनवाई से इनकार कर दिया। वहीं न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति ए एस ओका की पीठ ने कहा कि इस देश में बड़ी संख्या में अस्पताल, नर्सिंग होम और चिकित्सा संस्थान निजी हैं। ऐसे में केंद्र और राज्य सरकार से ये आशा नहीं की जा सकती कि वो इन निजी संस्थानों को सुरक्षा उपल्ब्ध कराएं। साथ ही पीठ ने ये भी कहा कि निजी अस्पतालों को अपनी सुरक्षा के लिए खुद इंतजाम करने चाहिए।

बता दें कि पीठ दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की असम राज्य ब्रांच के अध्यक्ष डॉक्टर सत्यजीत बोरा द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इसमें याचिकाकर्ताओं ने आग्रह किया था कि अधिकारियों को अस्पतालों और चिकित्सा संस्थानों में पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाए ताकि डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों पर मरीजों के रिश्तेदारों और अन्य लोगों के हमलों को रोका जा सके।

वहीं इस याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति ए एस ओका की पीठ ने याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकील से पूछा कि आप चाहते हैं कि सरकार प्रत्येक अस्पताल को सुरक्षा प्रदान करे? निजी संस्थानों को अपनी सुरक्षा की व्यवस्था खुद करनी चाहिए। आप सरकार पर बोझ नहीं डाल सकते।

गौरतलब है अदालत की फटकार के बाद याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा कि वो अपनी याचिका में जरूरी संशोधन के बाद संबंधित दस्तावेज जमा करेंगे।

पीठ ने याचिका पर सुनवाई करने से इनकार करते हुए कहा कि हम याचिका पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं क्योंकि इसमें विवरण का अभाव है। साथ ही पीठ ने कहा कि आगे भी हम इस तरह की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई करने के इच्छुक नहीं हैं।