पटनाः अपनी जान की परवाह किये बगैर सड़क पर लुटेरो से अपने एवं लोगो की सुरक्षा हेतु दो सड़क लुटेरो को अपने सरकारी रिवाल्वर से मार गिराने वाले पुलिस पदाधिकारी राष्ट्रपति पुरस्कार से वंचित है। विदित हो वैशाली जिले के लाल एवं वर्तमान मे मध निषेध विभाग पटना मे इस्पेक्टर के पद पर कार्यरत अरविन्द कुमार पाल ने मु़गेर जिले के तारापुर थाना मे पदस्थापित थानाध्यक्ष रहते हुए 19 वर्ष पूर्व तारापुर थानाध्यक्ष के पद पर कार्यरत थे। वह किसी काम से राजधानी पटना के मुख्यमार्ग कुम्हरार अदमकुआँ सड़क के पास से चार पहिया वाहन से अपने गंतव्य की ओर जा रहे थे। सड़क लुटेरो ने विगत 10 मई को लगभग तीन बजे रात्रि मे शराब पीकर व सड़क पर खडा़ होकर डंडे से वाहन को रुकवाया और चार पहिया वाहन का शीशा तोड़ दिया। गाडी़ का शीशा टूटने के बाद वाहन रोका गया। जिसके क्रम मे आधा दर्जन से अधिक लोगो ने अस्त्र-शस्त्र के साथ वाहन मे बैठे लोगो से मारपीट करना प्रारंभ कर दिया। समय की नाजुकता को देखते हुए तारापुर थाना के पूर्व थानाध्यक्ष अरविन्द कुमार पाल ने अपने अदम्य साहस का परिचय देते हुए अपने लौडेड सर्विस रिवाल्वर से सड़क लुटरे पर अपनी जान की परवाह किये बगैर दो गोली दाग दी, जिसमें दो सड़क लुटेरा मारा गया जिससे चार पहिया पर बैठे तारापुर के प्रतिष्ठित लोगो की जान बच पाई और शेष सड़क लुटेरा अपने साथी की मौत देखकर भाग खडे़ हुए।
सनद रहे कि 2002 मे राजधानी पटना के कुम्हरार मे सड़क लुटेरा का साम्राज्य स्थापित था। शाम ढलते ही सड़क लुटेरा का आतंक से कुम्हरार सहित आम लोग परेशान थे लाँ – इन आर्डर का खौफ अपराधियो मे समाप्त हो चुकी थी जिसका फायदा सड़क लुटेरा आने -जाने बाले लोगो को सरेआम लुटपाट कर मालोमाल हो रहे थे। इसी कडी़ मे मुगेंर जिले के तारापुर थाना मे पदस्थापित थानाध्यक्ष अरविन्द कुमार पाल किसी काम से तारापुर के प्रतिष्ठित व्यवसायो के साथ कार्य कर वापस लौट रहे थे कि राजधानी पटना के मुख्यमार्ग कुम्हरार मे सड़क लुटेरो से सामना होने पर सड़क लुटेरे के आधा दर्जन फायरिंग के जबाव मे तारापुर थाना के पूर्व थानाध्यक्ष अरविन्द कुमार पाल ने अपने एवं वाहन पर सवार लोगो की जान की सुरक्षा करते हुए सरकारी पिस्टल से दो चक्र गोली चलाकर दो लुटेरो को मार गिराया।
इनकी बहादुरी को देखते हुए मुँगेर के जाँबाज पुलिस कप्तान ने 1 सितम्बर 2002 को आरक्षी उपमहानिरिक्षक मुख्यालय पटना को वीरता पुरस्कार के लिए प्रस्ताव भेजा। वरीय आरक्षी अधिक्षक कुन्दन कृष्णन पटना ने भी 1 सितम्बर 2006 को बिहार के वरीय पुलिस पदाधिकारी को भी तारापुर के जाँबाज थानाध्यक्ष अरविन्द कुमार पाल को राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए अनुशंसा किया परंतु 19 वर्षाे के बाद भी बहादुर पुलिस पदाधिकारी को राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित नही किया जाना सरकार पर सवालिया निशान लगता है।
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