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CDS Chopper Crash: दुर्धटना या साजिश?

नई दिल्लीः सीडीएस जनरल बिपिन रावत को ले जाने वाले एमआई-17 वी 5 के बुधवार को वेलिंगटन में हेलीपैड के लिए सुलूर हवाई अड्डे से उड़ान भरने से पहले आईएएफ ने रूट की रेकी की थी या नहीं, इस पर परस्पर विरोधी रिपोर्टें सामने आई हैं, जिसमें 14 में से 13 की मौत हो गई।  […]

नई दिल्लीः सीडीएस जनरल बिपिन रावत को ले जाने वाले एमआई-17 वी 5 के बुधवार को वेलिंगटन में हेलीपैड के लिए सुलूर हवाई अड्डे से उड़ान भरने से पहले आईएएफ ने रूट की रेकी की थी या नहीं, इस पर परस्पर विरोधी रिपोर्टें सामने आई हैं, जिसमें 14 में से 13 की मौत हो गई। 

सुलूर हवाई अड्डे से जुड़े एक अधिकारी के अनुसार, नीलगिरी में मौसम की स्थिति का आकलन करने के लिए प्रोटोकॉल के तहत मार्ग की जांच के लिए वायुसेना के दो छोटे हेलिकॉप्टर भेजे गए थे। अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, ‘‘हमें यकीन नहीं है कि हेलिकॉप्टर वेलिंगटन हेलीपैड पर उतरे या बिना लैंडिंग के लौट आए।’’

हालांकि, वेलिंगटन में मद्रास रेजिमेंटल सेंटर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘वास्तव में छोटे हेलिकॉप्टरों द्वारा कोई परीक्षण नहीं किया गया था क्योंकि एमआई-17 वी 5 एक विश्वसनीय विमान है।’’

रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज के एक अधिकारी, जहां जनरल रावत व्याख्यान देने जा रहे थे, ने कहा, ‘‘इस पर टिप्पणी करने के लिए अधिकृत नहीं है।’’

नानजप्पाचतिराम के चश्मदीद गवाह, जहां हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ, ने कहा कि उन्होंने दिन में कभी भी दूसरा हेलिकॉप्टर नहीं देखा या सुना है।

भारतीय वायुसेना के एक सेवानिवृत्त अधिकारी एस रमेश कुमार ने कहा कि आमतौर पर राष्ट्रपति या पीएम की यात्रा के दौरान, चार हेलिकॉप्टर मुख्य हेलिकॉप्टर के साथ उड़ते हैं। लेकिन वह भारतीय वायुसेना के अधिकारियों से इस बात की पुष्टि करने में सक्षम नहीं थे कि क्या एमआई-17 वी 5 के वेलिंगटन के लिए उड़ान भरने से पहले कोई हेलिकॉप्टर संचालित किया गया था।

रमेश कुमार ने कहा, ‘‘एमआई-17 वी 5 एक बेहद अनुभवी पायलट द्वारा संचालित किया गया था। हेलिकॉप्टर तकनीकी रूप से उन्नत था, और मुझे संदेह है कि मानवीय त्रुटि के कारण दुर्घटना हुई।’’ बादल/कोहरा सामान्य से अधिक घना हो सकता है। ऐसे दौरान परिस्थितियों में, पायलट को एक सेकंड के एक अंश में निर्णय लेना होता है। निर्णय गलत हो सकता है।’’
कुमार ने कहा कि ब्लैक बॉक्स, जिसे बरामद कर लिया गया है, संभवतः यह बताएगा कि दुर्घटना के क्षणों में क्या हुआ था।

उड्डयन सुरक्षा सलाहकार मोहन रंगनाथन ने कहा, ‘‘मैंने हेलिकॉप्टर के आखिरी मिनट के फुटेज देखे हैं (एक पर्यटक द्वारा शूट किया गया यह फुटेज व्यापक रूप से प्रसारित किया गया था)। केवल धुंध का मौसम था और हेलिकॉप्टर बहुत नीचे उड़ रहा था। मुझे संदेह है कि दुर्घटना का मुख्य कारण मौसम की स्थिति थी।’’

उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के लिए एक रेकी कर सकती है, लेकिन एक सेवारत अधिकारी के लिए यह संभावना नहीं है।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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