नई दिल्लीः पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने रविवार (27 मार्च) को दावा किया कि बीरभूम हिंसा (Birbhum Violence) के पीछे एक साजिश (Conspiracy) है और इस घटना की केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से निष्पक्ष जांच की मांग की।
एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, बनर्जी ने कहा, “हम (TMC) रामपुरहाट घटना (Rampurhat incident) में शामिल नहीं थे। एक तृणमूल कार्यकर्ता (Trinamool worker) की पार्टी के एक अन्य कार्यकर्ता ने हत्या कर दी थी। लेकिन मीडिया ने केवल टीएमसी की आलोचना की। हमने घटना के मूल कारण का पता लगाने के लिए कई कदम उठाए।”
पश्चिम बंगाल के बीरभूम के रामपुरहाट इलाके में मंगलवार को टीएमसी नेता भादु शेख की हत्या के बाद भीड़ द्वारा घरों में आग लगाने के बाद आठ लोगों की मौत हो गई। रामपुरहाट गांव के स्थानीय उपाध्यक्ष शेख की भी 21 मार्च को बाइक सवार हमलावरों ने हत्या कर दी थी।
कलकत्ता उच्च न्यायालय (Kolkata High Court) ने शुक्रवार को बीरभूम हिंसा की स्वतंत्र सीबीआई जांच का आदेश दिया था और केंद्रीय एजेंसी को 7 अप्रैल तक एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।
पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ने आज कहा कि सीबीआई को चल रही जांच में भाजपा के निर्देशों का पालन नहीं करना चाहिए।
एएनआई ने बनर्जी के हवाले से कहा, “मुझे अभी भी लगता है कि रामपुरहुत की घटना के पीछे एक साजिश है। यह अच्छा है कि सीबीआई ने कार्यभार संभाला लेकिन अगर वे केवल भाजपा के निर्देश का पालन करते हैं, तो हम विरोध करने के लिए तैयार हैं।” टीएमसी प्रमुख ने आगे कहा कि जब वह विपक्ष में थीं तो उन्होंने कभी लोगों की मौत का राजनीतिकरण नहीं किया।
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (Trinmool Congress) पर घटना को छिपाने के लिए आरोपियों को पनाह देने का आरोप लगाया है, इस आरोप से टीएमसी ने इनकार किया है।
बनर्जी ने ईंधन की बढ़ती कीमतों को लेकर केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा और कहा, “उत्तर प्रदेश चुनाव जीतने के बाद, (नरेंद्र) मोदी सरकार ने पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमतों में वृद्धि करके एक वापसी का उपहार दिया है।”
इस बीच सीबीआई ने बीरभूम हिंसा मामले में तृणमूल कांग्रेस के प्रखंड अध्यक्ष अनारुल हुसैन (Anarul Hossain) समेत 21 लोगों को आरोपी बनाया है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)