उत्तर प्रदेश

चलती कार में ‘BJP विधायक’ की ‘हार्ट अटैक’ मौत

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी की गोला विधानसभा सीट से पांच बार के विधायक अरविंद गिरी की हार्ट अटैक में मौत हो गई। बताया जा रहा है कि बीजेपी विधायक अरविंद गिरी मीटिंग के लिए लखनऊ जा रहे थे। इसी दौरान उन्हें हार्ट अटैक आया और उनकी मौत हो गई।

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के लखीमपुर खीरी की गोला विधानसभा सीट से पांच बार के विधायक अरविंद गिरी (Arvind Giri) की हार्ट अटैक में मौत हो गई। बताया जा रहा है कि बीजेपी विधायक अरविंद गिरी मीटिंग के लिए लखनऊ जा रहे थे। इसी दौरान चलती गाड़ी में उन्हें हार्ट अटैक आया और उनकी मौत हो गई।

बताया जा रहा है कि एक दिन पहले सोमवार को अरविंद गिरि अपने विधानसभा क्षेत्र में विकास योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। इसके अलावा उन्होंने बैठक को संबोधित भी किया था। बीजेपी विधायक की मौत पर कार्यकर्ताओं में शोक की लहर दौड़ गई है।

वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ ने विधायक अरविंद गिरी के निधन पर शोक व्यक्त किया है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने शोक संदेश में कहा है कि लखीमपुर खीरी जिले के गोला विधानसभा सीट से भाजपा विधायक अरविंद गिरि का निधन अत्यंत दुखद है। मेरी शोक संवेदनाएं संतप्त परिजनों के साथ हैं। प्रभु श्रीराम दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें और शोकाकुल परिजनों को यह अथाह दुख सकने की शक्ति प्रदान करें।

दरअसल, अरविंद गिरि का जन्म 30 जून 1958 को हुआ था। इन्होंने अपने राजनीति सफर की शुरुआत 1994 में समाजवादी पार्टी से की थी। इसके बाद 1995 में गोला नगर पालिकाध्यक्ष बने थे। वहीं 1996 में पहली बार सपा के टिकट पर विधायकी के चुनाव में ताल ठोक दी और जीतकर विधानसभा पहुंच गए। साल 2000 में उन्होंने दोबारा गोला नगर पालिका परिषद का चुनाव लड़ा और अध्यक्ष बने।

वहीं साल 2002 में एक बार फिर वह सपा के टिकट पर मैदान में उतरे और दूसरी बार विधायक बने। वहीं 2007 में नगर पालिका परिषद गोला के अध्यक्ष पद पर पत्नी सुधा गिरि को जिताया। इसके बाद फिर 2007 में तीसरी बार विधायक बने। 2012 के विधानसभा चुनाव में भी वह बसपा के टिकट पर विधायक बने।

इसके बाद 2017 में अरविंद गिरि ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया और टिकट लेकर चुनाव मैदान में उतरे। इस बार भी जीतकर वह गोला विधानसभा से चौथीं बार विधायक बने। वहीं 2022 विधानसभा चुनाव में भी अरविंद गिरि ने बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़कर जीत हासिल की। पांच बार के विधायक अरविंद गिरि का सियासी कद यूपी की सियासत में काफी बड़ा था। क्षेत्र की जनता ने भी उन्होंने भरपूर समर्थन दिया और पांच बार विधानसभा भेजा।