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SC on Hijab Case: हिजाब विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में दो फाड

हिजाब विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के जजों की राय अलग-अलग है। 5 फरवरी के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर एक खंडित फैसला सुनाया गया और मामला बड़ी बेंच के लिए CJI को भेज दिया गया है।

नई दिल्लीः कर्नाटक में हिजाब पर लगा बैन (Hijab ban) फिलहाल जारी रहेगा। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कर्नाटक सरकार के 5 फरवरी के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर एक खंडित फैसला सुनाया। कर्नाटक सरकार ने प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेजों में कक्षाओं के अंदर हिजाब पहनने पर रोक लगाई है। न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने ये फैसला सुनाया।

वहीं न्यायमूर्ति गुप्ता ने कर्नाटक सरकार के बैन को बरकरार रखा और कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील खारिज कर दी। हालांकि न्यायमूर्ति धूलिया ने सभी अपीलों को स्वीकार कर लिया और कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया।

न्यायमूर्ति धूलिया ने कहा कि मेरे फैसले का मुख्य जोर ये है कि विवाद के लिए आवश्यक धार्मिक प्रथा की पूरी अवधारणा जरूरी नहीं है और हाई कोर्ट ने गलत रास्ता अपनाया। न्यायमूर्ति धूलिया ने कहा, ये हिजाब पहनना पसंद का मामला है, न ज्यादा और न ही कम। साथ ही उन्होंने कहा कि मैंने 5 फरवरी के सरकारी आदेश को रद्द कर दिया है और प्रतिबंध हटाने का आदेश दिया है।

न्यायमूर्ति धूलिया ने कहा कि उनके दिमाग में ये बात थी कि क्या हम एक छात्रा की शिक्षा के मामले में इस तरह के प्रतिबंध लगाकर उसके जीवन को बेहतर बना रहे हैं। पीठ ने आदेश दिया कि मामले को तीन-न्यायाधीशों की पीठ को सौंपने के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश यू यू ललित के सामने रखा जाए।