नई दिल्ली: आयकर विभाग (Income Tax Department) ने 5 जनवरी, 2022 को तीन रियल एस्टेट डेवलपर्स (Real Estate Developers) के खिलाफ छापामारी (Raid) और जब्ती अभियान (Seizure Operation) का संचालन किया। ये डेवलपर्स कर्नूल (kurnool) शहर और आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) व तेलंगाना (Telangana) के अन्य इलाकों में भूमि विकास के साथ-साथ निर्माण गतिविधियों के व्यवसाय में संलग्न थे। इस छापामारी अभियान को कर्नूल, अनंतपुर (Anantpur), कडप्पा (Cuddapah), नंदयाल (Nandyal) और बेल्लारी (Bellary) आदि शहरों में स्थित दो दर्जन से अधिक परिसरों में संचालित किया गया।
इस छापामारी अभियान के दौरान कई दोषी सिद्ध करने योग्य दस्तावेज जैसे; हस्तलिखित बही-खाता और समझौते आदि पाए गए और जब्त किए गए। इसके अलावा एक विशेष सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन के साथ-साथ अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स से डिजिटल डेटा को भी जब्त किया गया है। इन कर निर्धारिती समूहों में से एक के मामले में पाया गया है कि यह एक सॉफ्टवेयर का उपयोग कर रहा है, जिसे बेहिसाब नकद प्राप्ति से संबंधित विवरणों को मिटाने और पंजीकृत बिक्री मूल्य के साथ मेल खाने वाले बिक्री को खाते की नियमित बही-खाते में दर्ज करने के लिए व्यवस्थित रूप से संशोधित किया गया था।
ये समूह संपत्तियों के पंजीकृत मूल्य से अधिक नकद स्वीकार करते पाए गए हैं। इस तरह की बेहिसाब नकदी का उपयोग भूमि की खरीद और अन्य खर्च को लेकर अवैध भुगतान के लिए किया जाता है।
अब तक इस छापामारी की कार्रवाई में 1.64 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी जब्त की गई है।
इसके अलावा 800 करोड़ रुपये के बेहिसाबी नकद लेनदेन का भी पता चला है।
आयकर विभाग ने केरल में चलाया तलाशी अभियान
आयकर विभाग ने खदान संचालन व्यवसाय में शामिल दो समूहों पर 05.01.2022 को तलाशी व जब्ती की कार्रवाई की। यह कार्रवाई कोट्टयम, एर्नाकुलम, त्रिशूर, पलक्कड़ और कन्नूर जिलों में फैले 35 से अधिक परिसरों में की गई।
तलाशी कार्रवाई के दौरान, विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज तथा डिजिटल साक्ष्य मिले हैं और जब्त किए गए हैं। इन दस्तावेज़ों और साक्ष्यों में वास्तविक बिक्री और नकदी प्राप्ति की प्रविष्टियों को दर्ज करने वाले बही खाता का एक समानांतर सेट शामिल है। इन साक्ष्यों से खदान संचालकों द्वारा अपनाई जा रही कार्यप्रणाली का स्पष्ट रूप से पता चलता है क्योंकि वे बड़े पैमाने पर नकदी में की गई बिक्री को छुपाने में लिप्त हैं। इसमें यह तथ्य भी है कि ऐसे लेनदेन समूह के नियमित बही खाता में दर्ज नहीं हैं।
इन साक्ष्यों का आपसी संबंध यह भी बताते हैं कि इस तरह से उत्पन्न बेहिसाब नकदी को प्रणालीबद्ध तरीके से अचल संपत्तियों के अधिग्रहण में निवेश किया गया है, नकद ऋण के व्यवसाय में उपयोग किया गया है तथा अन्य व्यवसायों में अलिखित पूंजी निवेश की गई है। तलाशी दल ने संपत्तियों की खरीद के लिए मौद्रिक भुगतान के साक्ष्य तथा अघोषित बैंक खातों में पर्याप्त नकदी जमा के सबूत भी एकत्र किए हैं। समूह के निर्धारिती इस तरह के लेनदेन से होने वाले पूंजीगत लाभ के लिए विधिवत हिसाब किताब के बिना अचल संपत्तियों की बिक्री करते पाए गए हैं।
तलाशी कार्रवाई में 2.30 करोड़ रुपये से अधिक की बिना बेहिसाब नकदी जब्त की गई है।
अब तक की तलाशी में 200 करोड़ रुपये से अधिक की बिना हिसाब किताब की आय का पता चला है।
आगे की जांच जारी है।