दिल्ली/एन.सी.आर.

मीराबाई ने प्रत्येक भारतीय से बलिदान और वीरता के प्रतीक ‘राष्ट्रीय युद्ध स्मारक’ को देखने का किया आग्रह

नई दिल्ली: भारत की ‘सिल्वर गर्ल’ (Silver Girl) सैखोम मीराबाई चानू (Saikhom Mirabai Chanu) नई दिल्ली (New Delhi) स्थित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक (National War Memorial) को देखने पहुँची, जिसका निर्माण भारतीय सशस्त्र बलों के साहस, वीरता और बलिदान का सम्मान करने के लिए किया गया है। 40 एकड़ के खुले भू-भाग पर निर्मित स्मारक के […]

नई दिल्ली: भारत की ‘सिल्वर गर्ल’ (Silver Girl) सैखोम मीराबाई चानू (Saikhom Mirabai Chanu) नई दिल्ली (New Delhi) स्थित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक (National War Memorial) को देखने पहुँची, जिसका निर्माण भारतीय सशस्त्र बलों के साहस, वीरता और बलिदान का सम्मान करने के लिए किया गया है।

40 एकड़ के खुले भू-भाग पर निर्मित स्मारक के बारे में ओलंपिक पदक विजेता, मीराबाई ने कहा, “मैं दिल्ली में आमतौर पर टूर्नामेंट के लिए रही हूँ, लेकिन इस बार मैंने इस यात्रा को अपने कार्यक्रम में शामिल किया है, क्योंकि यह स्थान न केवल सशस्त्र बलों को बल्कि प्रत्येक भारतीय को गर्व से ओतप्रोत कर देता है।”

1947 के बाद से भारत के गौरवशाली युद्ध के इतिहास को दर्शाते हुए, यह स्मारक उन गुमनाम नायकों की कहानियों, यात्रा और संघर्षों की अभिव्यक्ति है। आगंतुकों को ऐसा अनुभव होना चाहिए कि गुमनाम नायक फिर से जीवित हो गए हैं।

भारतीय इतिहास के महत्वपूर्ण ऐतिहासिक युद्धों में भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना की बहादुरी की कहानियों को समेटे हुए अर्ध-खुले गलियारे और गैलरी से जाते हुए मीरा ने कहा, “मैं इस बात से मंत्रमुग्ध हूं कि इस स्मारक के निर्माण की अवधारणा ऐतिहासिक ‘चक्रव्यूह’ से प्रेरित है और इसकी दीवारें हमारे देश के सपूतों द्वारा लड़े गए युद्ध के दृश्यों को दर्शाती कांसे की भित्ति चित्रों से सजी हुई हैं।”

मीरा ने कहा, “यहां आने के बाद, मैं यह महसूस करती हूँ कि प्रत्येक भारतीय को अपने जीवन में कम से कम एक बार इस जगह की यात्रा करनी चाहिए।”

भारतीय भारोत्तोलक, मीराबाई चानू ने शहीद मेजर लैशराम ज्योतिन सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्हें शांति काल के सर्वोच्च वीरता पुरस्कार अशोक चक्र से सम्मानित किया गया है। वे भी मीराबाई चानू की तरह मणिपुर के रहने वाले थे।