राष्ट्रीय

माता-पिता के जीवित रहते बेटों का संपत्ति पर हक नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट

हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता सोनिया खान ने कहा था कि अपने पति की सभी संपत्ति की वह कानूनी अभिभावक बनना चाहती थी। लेकिन उनका बेटा आसिफ खान उन्हें ऐसा करने से रोक रहा था। वह अपने पिता का फ्लैट बेचने के मां के फैसले के खिलाफ था, इसलिए उसने भी कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर दी।

मुम्बई: जब तक माता-पिता जिंदा हैं, बेटों का संपत्ति पर कोई हक नहीं होगा। बॉम्बे हाईकोर्ट ने शनिवार को एक महिला की याचिका पर बड़ा फैसला सुनाया। दरअसल, एक महिला सोनिया खान अपने पति का इलाज कराने के लिए अपनी संपत्ति बेचना चाहती थी, लेकिन उसका बेटा संपत्ति बेचने से रोक रहा था। इसके बाद उसकी मां ने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता के पक्ष में फैसला दिया।

हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता सोनिया खान ने कहा था कि अपने पति की सभी संपत्ति की वह कानूनी अभिभावक बनना चाहती थी। लेकिन उनका बेटा आसिफ खान उन्हें ऐसा करने से रोक रहा था। वह अपने पिता का फ्लैट बेचने के मां के फैसले के खिलाफ था, इसलिए उसने भी कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर दी।

बेटा आसिफ ने कहा था कि अपने पिता की पूरी संपत्ति का वह कानूनी गार्जियन है। उसके माता-पिता के दो फ्लैट हैं। एक मां के नाम पर है और दूसरा पिता के नाम पर है। फ्लैट शेयर्ड हाउसहोल्ड की श्रेणी में आता है। ऐसे में फ्लैट पर उसका पूरा-पूरा हक है। कोर्ट ने उसकी इन दलीलों को सिरे से खारिज कर दिया। जस्टिस गौतम पटेल और जस्टिस माधव जामदार की बेंच ने अपने फैसले में कहा कि आसिफ यह साबित करने में नाकाम रहा कि उसने पिता की कभी परवाह की थी।