शिमला: जल विद्युत क्षमता में सर्वश्रेष्ठ कार्य करने के लिए हिमाचल प्रदेश को वैश्विक अक्षय ऊर्जा निवेशक सम्मेलन एवं एक्सपो में समग्र जल विद्युत क्षमता में सर्वोच्च उपलब्धि हासिल करने वाले राज्य से सम्मानित किया गया। केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रहलाद जोशी ने आज गुजरात के गांधीनगर में आयोजित वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा निवेशक सम्मेलन एवं एक्सपो में हिमाचल प्रदेश को प्रमाण-पत्र प्रदान किया। राज्य सरकार की ओर से मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर और विधायक नीरज नैयर ने यह पुरस्कार प्राप्त किया।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इस उपलब्धि पर बधाई देते कहा कि वर्तमान सरकार हिमाचल प्रदेश को 31 मार्च 2026 तक हरित ऊर्जा राज्य बनाने के लिए कारगर कदम उठा रही है और इसके लिए सरकार ने अब तक कई पहल भी की हैं।
उन्होंने कहा कि जल विद्युत और नवीनीकरण ऊर्जा का दोहन करने के लिए सरकार विशेष ध्यान केंद्रित कर रही है। उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड छह माह के भीतर पेखूबेला स्थित 32 मेगावाट के सोलर प्लांट का संचालन शुरू कर दिया गया है। वहीं, दो सौर ऊर्जा परियोजनाओं, 10 मेगावाट की कुटलैहड़ और पांच मेगावट की भांजल परियोजना को भी जल्द जनता को समर्पित किया जाएगा।
उन्होंने कहा इन परियोजनाओं के शुुरू होने से जहां कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी, वहीं जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता भी कम होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को प्रोत्साहित कर रही है। सरकारी विभागों में इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देकर डीजल वाहनों को चरणबद्ध तरीके से बाहर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य में पर्यावरण संरक्षण के लिए सरकार हरित उद्योगों को बढ़ावा दे रही है।
उन्होंने सरकार पर भरोसा जताने के लिए प्रदेश की जनता का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि लोगों के दृढ़ सहयोग के कारण राज्य सरकार सफलतापूर्वक विभिन्न नीतियां एवं कार्यक्रम क्रियान्वित कर रही है। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों के परिणामस्वरूप आगामी कुछ वर्षों में हिमाचल प्रदेश आत्मनिर्भर और समृद्ध राज्य के रूप में विकसित होगा।