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मोदी सरकार के तहत ‘रिकॉर्ड’ रोजगार सृजन: अर्थशास्त्री सुरजीत भल्ला

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में भारत के पूर्व कार्यकारी निदेशक और अर्थशास्त्री सुरजीत भल्ला (Economist Surjit Bhalla) ने रविवार को दावा किया कि नरेंद्र मोदी सरकार के तहत औसतन आधार पर अभूतपूर्व संख्या में नौकरियां पैदा हो रही हैं।

नई दिल्ली: पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में भारत के पूर्व कार्यकारी निदेशक और अर्थशास्त्री सुरजीत भल्ला (Economist Surjit Bhalla) ने रविवार को दावा किया कि नरेंद्र मोदी सरकार के तहत औसतन आधार पर अभूतपूर्व संख्या में नौकरियां पैदा हो रही हैं और पिछले 7-8 वर्षों में यह संख्या लगभग 10 मिलियन तक पहुंच गई है।

उन्होंने आगे कहा कि 2004 से 2013 तक यूपीए सरकार के दौरान सबसे कम नौकरियां पैदा हुईं और तभी ‘रोजगार रहित विकास’ शब्द आया।

सुरजीत भल्ला ने एक वीडियो साक्षात्कार में पीटीआई को बताया, “मोदी सरकार द्वारा रोजगार सृजन रिकॉर्ड पर सबसे अधिक रहा है। भारतीय इतिहास में इससे पहले कभी भी औसत आधार पर इतनी नौकरियाँ पैदा नहीं हुई थीं। पिछले 7-8 वर्षों में लगभग 10 मिलियन नौकरियां मिली हैं।”

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) के पूर्व सदस्य भल्ला ने दावा किया कि अटल बिहारी वाजपेयी और पीएम मोदी के कार्यकाल में सबसे ज्यादा नौकरियां पैदा हुईं।

हाल ही में अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 में भारत की कुल बेरोजगार आबादी में बेरोजगार युवाओं की हिस्सेदारी करीब 83 फीसदी थी।

भल्ला को पीटीआई ने उद्धृत किया था, “यदि आप 29 वर्ष की आयु के बाद के युवाओं के आंकड़ों को देखें, तो भारत में बेरोजगारी दर, जो कि जनसंख्या का सबसे बड़ा हिस्सा है, अधिकांश कार्यबल लगभग 1 प्रतिशत रहा है, जो वास्तव में बेरोजगारी दर से बहुत अधिक नहीं है।”

भल्ला ने कहा, “…दुनिया भर में युवाओं के बीच घर्षणात्मक बेरोजगारी अधिक है।”

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार 2014 में सत्ता में आई और 2019 के आम चुनावों में प्रचंड बहुमत के साथ वापस आई।

समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की गति धीमी होने पर भल्ला ने कहा कि भारत में एफडीआई में गिरावट का एक महत्वपूर्ण कारण सरकार की नई नीति को माना जा सकता है, जिसमें कहा गया है कि यदि निवेश से संबंधित कोई विवाद है, तो उसे भारत में ही सुलझाना होगा।