भैया बात उन्नीस सौ पंचानबे की है। बहुतै हिट पिक्चर थी। मतलब ताबड़तोड़ हिट। उसमें एक गाना था – अच्छा सिला दिया तूने मेरे प्यार का। गाना क्या था भैया ये समझिये कि उस दौर में टूटे दिल वालों के दिल की रिंग टोन थी।
आज हम आपको लिए चल रहे हैं मथुरा। यहाँ की घटना सुन के आप भी रो पड़ेंगे। तो हुआ यूं कि यहां के राया थाना क्षेत्र में एक गाँव में बारात आनी थी। बारात आयी भी। पूरा बैंड बाजा बारात सहित दूल्हे राजा पहुंचे। नागिन डांस से लई के गजबन पानी तक अईसे बैले डांस किये हैं कि क्या सपना चौधरी औ क्या नूरा फतेही।
जो मिला के पानी पिए थे उनकी तो खैर कउनो बात नहीं। लेकिन बाकी नाश्ता देखते ही टूट पड़े। गलती बेचारे बारातियों की भी नहीं। ई ससुरा कोरोना ही सब समस्या की जड़ है। साल-साल भर बाद बारात नसीब होगी तो आदमी भला क्या करेगा। दूल्हे राजा बेताब हुए जा रहे थे। मन ही मन गुनगुनाये जा रहे थे – कब होगा हमार गठबंधन।
तभी दुल्हन के चाचा निकल पड़े। बाकायदा सब बारातियों को लाइन में लगवा दिए। फिर गिने। एक नहीं दो-दो बार गिने। लेकिन दोनों बार केवल तीस निकले। तीस तो जो थे वो तो थे ही उसमे से आधे तो सिंगल हड्डी थे। बस चाचा जी की सटक गई। बोले ये हमारा अपमान है। शादी नहीं होगी।
लड़केवाले सकपका गये। बोले कोरोना गाइडलाइन है 30 ही ला सकते हैं। इतना सुनते ही चचा और भड़क गए। बोले अब तो बिलकुल नहीं होगी। इतना सुनना था कि दूल्हे राजा का दिल छन्न से टुकड़े-टुकड़े हो गया। लड़के वाले बहुत समझाये, लेकिन न मतलब न। इससे पहले कि बात और बिगड़े सारे बाराती खा-पी के टंच हो लिए।
चचा जान फौरन एक लड़के का इंतजाम किए। वहीं उसी बारात औ उसी दूल्हे के सामने सजी सजाई दुल्हन की शादी नये रेडीमेड दूल्हे से करा दिए। अब बेचारे दूल्हे के दिल पर क्या गुजरी होगी। उसकी अपनी आँखों के सामने उसकी दुल्हन को कोई और दूल्हा वरमाला पहना रहा था।
कोरोना जो न कराये कम है। लेकिन सरकार को भी इस ओर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है। मतलब बाराती इतने तो पहुँचने ही चाहिए कि बारात लौटने की नौबत न आये।
Comment here
You must be logged in to post a comment.