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तालिबान ने अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति दोस्तम के बेटे का किया अपहरण

नई दिल्लीः तालिबान ने अफगानिस्तान में अपना वर्चस्व स्थापित करना शुरू कर दिया है। तालिबान अफगानिस्तान के ज्यादातर इलाकों में अपना दबदबा कायम करना चाहता है। जिसके लिए अब उन्होंने हिंसा के साथ-साथ राजनेताओं के परिवार को भी निशाना बनाना शुरू कर दिया है। ताजा घटना अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अब्दुल राशिद दोस्तम से जुड़ी […]

नई दिल्लीः तालिबान ने अफगानिस्तान में अपना वर्चस्व स्थापित करना शुरू कर दिया है। तालिबान अफगानिस्तान के ज्यादातर इलाकों में अपना दबदबा कायम करना चाहता है। जिसके लिए अब उन्होंने हिंसा के साथ-साथ राजनेताओं के परिवार को भी निशाना बनाना शुरू कर दिया है। ताजा घटना अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अब्दुल राशिद दोस्तम से जुड़ी है। दोस्तम के बेटे यार मोहम्मद दोस्तम को तालिबान ने जवज्जान एयरपोर्ट से अगवा कर लिया। आपको बता दें कि अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने बुधवार को ही अब्दुल राशिद दोस्तम से मुलाकात की थी।

दोस्तम को सरदार भी कहा जाता है
अब्दुल राशिद दोस्तम 2014 में अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति बने और 6 साल से अधिक समय तक इस पद पर रहे। दोस्तम को सरदार के नाम से भी जाना जाता है। सरदार वे हैं जिन्होंने खुद को अमेरिका की मदद से तैयार किया और तालिबान के खिलाफ युद्ध जारी रखा। सरदार दोस्तम ने अफगानिस्तान में युद्ध अपराध करने का भी आरोप लगाया है। माना जाता है कि दोस्तम ने 9/11 के हमलों के बाद अफगानिस्तान में तालिबान सरकार को गिराने में अमेरिकी सेना की मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

तालिबान का सफाया हो जाएगा
दोस्तम ने बुधवार को राष्ट्रपति अशरफ गनी से मुलाकात के बाद कहा कि देश के उत्तरी हिस्सों से तालिबान का सफाया हो जाएगा। उन्होंने कहा कि तालिबान के पास बचने का कोई रास्ता नहीं है। दोस्तम का मिलिशिया समूह तालिबान के खिलाफ अफगान सेना के साथ युद्ध लड़ रहा है। इससे पहले भी 1990 से 2001 के बीच दोस्तम ने बल्ख प्रांत से तालिबान का सफाया कर दिया था।

मजार-ए-शरीफ पर मिलिशिया ने बनाए मजबूत बैरिकेड्स
10 शहरों पर कब्जा करने के बाद तालिबान का अगला निशाना अफगानिस्तान का चौथा सबसे बड़ा शहर मजार-ए-शरीफ है। मार्शल अब्दुल राशिद दोस्तम मंगलवार रात मजार-ए-शरीफ पहुंचे। यहां पहुंचने पर दोस्तम ने मिलिशिया सेना के साथ मिलकर शहर के कई इलाकों में मजबूत बैरिकेड्स लगा दिए हैं। एक दिन पहले सरकार ने कहा था कि अफगान सेना ने तालिबान के हमलों को नाकाम कर दिया है।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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