रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप राज्य में मिलेट्स मिशन (लघु धान्य फसलों) के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर कृषि विभाग द्वारा मैदानी स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। अभी रबी सीजन में राज्य में रागी के फसल प्रदर्शन एवं बीज उत्पादन को लेकर कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा क्षेत्रवार किसानों का चयन और रकबे का चिन्हांकन किया जा रहा है। रबी सीजन में रागी के फसल प्रदर्शन को लेकर कृषि विभाग एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को तकनीकी मार्गदर्शन दिया जा रहा है। रागी के फसल प्रदर्शन का उद्देश्य राज्य में पर्याप्त मात्रा में उच्च क्वालिटी के बीज का उत्पादन है, ताकि आगामी खरीफ सीजन में कृषकों को उनकी डिमांड के आधार पर रागी बीज मुहैया कराया जा सके।
यहां यह उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार प्रदेश में कोदो-कुटकी एवं रागी फसल के क्षेत्र विस्तार एवं उत्पादकता में वृद्धि के लिए वर्ष 2022-23 से आगामी 5 वर्षों तक के लिए राज्य में मिलेट्स मिशन लागू किया गया है। इसका उद्देश्य कोदो, कुटकी और रागी की खेती को बढ़ावा देना तथा उत्पादक कृषकों को बेहतर बाजार मूल्य दिलाकर उनकी आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाना है। गौरतलब है कि देश के शहरों एवं महानगरों में मिलेट्स की काफी डिमांड है और इसकी कीमत भी अच्छी मिलती है। इसके मद्देनजर छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कोदो, कुटकी एवं रागी की खेती को बढ़ावा देने के साथ ही समर्थन मूल्य पर इसकी खरीदी की भी व्यवस्था सुनिश्चित की गई। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कोदो-कुटकी का समर्थन मूल्य 3000 रूपए प्रति क्विंटल एवं रागी का समर्थन मूल्य 3377 रूपए प्रति क्विंटल घोषित किया गया है। समर्थन मूल्य पर खरीदी छत्तीसगढ़ लघु वनोपज संघ द्वारा की जाएगी। मिलेट्स उत्पादक जिलों में प्रोसेसिंग प्लांट भी स्थापित किए जा रहे हैं। कोण्डागांव, कांकेर जिले में महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से कोदो-कुटकी एवं रागी प्रोसेसिंग एवं पैकेजिंग कर मार्केटिंग की जा रही है।
राज्य में कृषि विकास योजना अंतर्गत अभी लघु धान्य फसलों के प्रदर्शन के लिए 8 करोड़ 50 लाख रूपए की स्वीकृति एसएलएससी ने दी है। कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत ने विभागीय अधिकारियों को छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम से समन्वय स्थापित कर मिलेट्स के बीज की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। अभी रबी सीजन में रागी बीज उत्पादन कार्यक्रम एवं फसल क्षेत्र विस्तार कार्यक्रम के तहत चयनित कृषकों को तकनीकी मार्गदर्शन एवं प्रोत्साहन देने को कहा है, ताकि राज्य में कोदो, कुटकी, रागी की खेती को बढ़ावा मिलने के साथ ही उन्नत किस्म के बीज का उत्पादन सुनिश्चित हो सके।
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